लखनऊ के टूडि़यागंज स्थित अस्‍पताल में बनेगा नशा मुक्ति केन्‍द्र

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लखनऊ व गोरखपुर में बनेगा 30 बेड वाला नशा मुक्ति केन्‍द

लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार युवाओं को नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्‍परिणामों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा। नशा मुक्ति केन्‍द्रों के माध्‍यम से व्‍यसनियों को जागरूक व नि:शुल्‍क उपचार की सुविधा दी जा रही है। इसी क्रम में प्रदेश की योगी सरकार केन्‍द्र सरकार के नेशनल एक्‍शन प्‍लान फॉर ड्रग डिमांड रिडक्‍शन योजना के तहत लखनऊ के टूडि़यागंज स्थित किंग्‍स इंगलिश चिकित्‍सालय व गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 30 बेड वाला नशा मुक्ति केन्‍द्र बनाने जा रही है, ताकि युवाओं को नशे की लत से आजादी दिलाई जा सकें।

राज्‍य मद्यनिषेध अधिकारी के मुताबिक लखनऊ व गोरखपुर में 30-30 बेड नशा मुक्ति केन्‍द्रों के साथ-साथ प्रदेश के तीन अन्‍य जनपदों के सरकारी अस्‍पतालों में 10 बेड वाले एडिक्‍शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी सेंटर स्‍थापित किए जाएंगे। यहां पर इलाज के साथ ही शिक्षात्‍मक जागरूकता, चि‍न्‍हीकरण, परामर्श, उपचार व ड्रग एडिक्‍ट के पुर्नवास किया जाएगा। इसके अलावा सेवा प्रदाताओं के प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्धन कार्य किया जाएगा। इस योजना के लिए भारत सरकार की ओर से वित्‍तीय वर्ष 2020-21 के लिए 6 करोड़ 37 लाख रूपए से अधिक की धनराशि का प्राविधान किया गया है।

मद्यनिषेध विभाग की ओर से भारत सरकार से अनुदानित गैर सरकारी स्‍वैच्छिक संस्‍थाओं द्वारा प्रदेश में 23 नशा मुक्ति केन्‍द्रों का संचालन किया जा रहा है। जहां पर नशे से ग्रसित व्‍यसनियों को नि:शुल्‍क उपचार की सुविधा दी जा रही है। नशा मुक्ति केन्‍द्रों में पिछले साल नवम्‍बर तक 1827 व्‍यसनियों को नशे की लत से छुटकारा दिलाकर समाज की मुख्‍य धारा से जोड़ने का काम किया जा चुका है। विभाग के अनुसार लखनऊ व गोरखपुर में दो नए नशा मुक्ति केन्‍द्र बनाने के बाद नशा उन्‍मूलन कार्यक्रम में तेजी आएगी। नशे की लत का शिकार लोगों को उपचार व जागरूकता के जरिए इस आदत को छुड़ाने का काम किया जाएगा।

*जागरूकता अभियान साबित हुआ कारगर*
मद्यनिषेध विभाग की ओर से प्रदेश में नशा उन्‍मूलन के लिए व्‍यापक स्‍तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं। इसमें छात्र-छात्राओं व युवाओं को नशे की बुरी लत छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। विभाग की ओर से डाक्‍यूमेंट्री, खेलकूद प्रतियोगिताओं, वॉल पेटिंग, रैलियों, गोष्‍ठियों, सांस्‍कृतिक कार्यक्रम व प्रदर्शनियों के जरिए नशे से होने वाले नुकसान की जानकारियां दी जाती है। पिछले साल विभाग की ओर से 311 खेलकूद प्रतियोगिताएं, 88 डाक्‍यूमेंट्री, 112 प्रदर्शनियों व 571 गोष्ठियों का आयोजन किया गया था। इसमें शिक्षात्‍मक व खेलकूद प्रतियोगिताओं में हिस्‍सा लेने वाले 1204 छात्र-छात्राओं को विभाग की ओर से सम्‍मानित भी किया गया था।

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