लखनऊ। गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की इमरजेंसी में एक बार फिर डाक्टर की मरीज के इलाज में लापरवाही देखने को मिली। सही इलाज न मिलने पर बुखार पीडि़त मरीज गश खाकर इमरजेंसी के बगल की फर्श पर गिर गया। चिकित्सा प्रशासन को जब इसकी भनक लगी, तो आनन-फ ानन में पहुंच कर मरीज को इलाज उपलब्ध कराया। बगल फर्श पर पड़ा एक बुखार पीड़ित देर तक तड़पता रहा। मरीज के अनुसार डॉक्टर ने उसे एक इंजेक्शन लगा कर बाहर कर दिया, लेकिन उसका बुखार नहीं उतरा। इस वजह से वह फर्श पर ही गश खाकर लेट गया। मरीज के बाहर पड़े होने की जानकारी जब संस्थान के प्रवक्ता डॉक्टर श्रीकेश सिंह को मिली तो उन्होंने मरीज को तत्काल इलाज उपलब्ध करवाया।
सीतापुर निवासी विनोद बाजपेई बुखार पीड़ित होने पर ज्यादा तबियत बिगड़ने पर इमरजेंसी में इलाज कराने के लिए पहुंचे। पीड़ित का आरोप है कि उस वक्त उनके साथ में कोई तीमारदार नहीं था। इमरजेंसी में डाक्टरों ने तेज बुखार बताने पर उन्हें एक इंजेक्शन लगा कर बाहर का रास्ता कर दिखा दिया। वह बाहर बैठे रहे आैर कुछ राहत मिलने की उम्मीद करते रहे। पीड़ित का आरोप है कि तेज़ बुखार के कारण चलने- फिरने की हिम्मत नहीं होने पर वह उठ नहीं सका आैर वही पीड़ित मरीज फर्श पर ही लेट गया। इसकी जानकारी लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डा. श्रीकेश को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने आनन-फ ानन में मरीज को इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। वही संस्थान में आ रहे मरीजों व तीमारदारों का आरोप है कि इलाज के दौरान ओपीडी में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जा रहा है। जिससे इलाज के दौरान लोगों को कोरोना संक्रमण हो सकता है।