राजभवन पहुंची शिकायत, केजीएमयू को पत्र भेज कर मांगी गयी आख्या
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दो डाक्टरों पर कंपनी बनाकर टेंडर में गड़बड़ी करने के आरोप लगे हैं। इनके साथ बाहर का एक आैर डाक्टर जुड़ा हुआ है। कंपनी के एक व्यक्ति की शिकायत पर इस मामले का खुलासा हुआ है। शिकायत मिलने के बाद राज्यपाल ने कुलपति को पत्र भेजकर पूरे प्रकरण में जवाब तलब कर लिया है।
आरोप लगा है कि केजीएमयू में पीपीपी मॉडल पर ओपीडी व ट्रॉमा सेंटर में सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी और एक्सरे मशीन लगवाने के लिए दो डॉक्टरों ने पहले अपने रिश्तेदार के नाम पर कंपनी बना ली। इसके बाद कंपनी में आशियाना एलडीए कॉलोनी निवासी एक अन्य को जोड़ा। इससे कम्पनी में लगभग एक करोड़ 13 लाख रुपए का निवेश कराया। इन दोनों डाक्टरों ने हजरतगंज की बैंक में चालू खाते में पैसे जमा करवा दिया।
बताया जाता है कि कुछ महीने बाद ही धनराशि निकालने को लेकर तीन डॉक्टरों ने आशियाना निवासी कंपनी के नये व्यक्ति से बवाल हो गया। इसके बाद डॉक्टरों ने उस सदस्य के अधिकारों में कमी कर दी। दो मई 2025 को बैंक धनराशि को निकालने पर रोक लगा दी। इसके बाद कम्पनी में जुड़े व्यक्ति ने डॉक्टरों की राजभवन में विद प्रूफ शिकायत कर दी। चार अगस्त को कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी डॉ. पंकज एल जानी ने कुलपति को पत्र भेजा है, जिसमें इस प्रकरण की आख्या उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
शिकायतकर्ता का दावा है कि केजीएमयू में सर्जरी और टीबी एंड चेस्ट रोग विभाग के डॉक्टर है। इनके साथ एक डॉक्टर बाहर से जुड़ा हैं। जिन पर टेंडर दिलाने के नाम पर घालमेल के आरोप हैं। केजीएमयू में राजभवन से पत्र पहुंचने के बाद से जिम्मेदार अधिकारियों में हड़कम्प मच गया है।