लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में लगातार रैगिंग होने के बाद भयभीत जूनियर मेडिकोजों के अभिभावक काफी चिंतित है। खास कर प्राक्टोरियल बोर्ड के निर्देश के बाद भी आरोपित 13 सीनियर मेडिकोज ने हास्टल न खाली करने पर अभिभावकों ने चिंता व्यक्त की है। बताते है कि अभिभावकों ने हस्ताक्षर अभियान शुरू करने जा रहे है। ताकि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचायी जा सके।
केजीएमयू प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी जूनियर मेडिकोज की हो रही रैगिंग के बाद सीनियर मेडिकोज पर ठोस कार्रवाई न होने से अभिभावकों ने चिंता व्यक्त की है। कई अभिभावकों ने भयभीत जूनियर मेडिकोज की जानकारी भी केजीएमयू प्रशासन को दी है। अभी तक केजीएमयू में हो रही रैगिंग की जानकारी अभिभावकों ने यहां के जिम्मेदार अधिकारियों को दी है। जब कि छात्रावासों में रहे जूनियर मेडिकोज बाहर आने जाने पर भी डरने लगे है। केजीएमयू प्रशासन की सबसे बड़ी लापरवाही यह है कि जूनियर मेडिकोज के मोबाइल नम्बर सीनियर तक प्रवेश के कुछ समय बाद ही पहुंच गये आैर वह लोग व्हाटसअप पर मैसेज व वीडियोकॉल करके रैगिंग के दिशा निर्देश देते रहे।
केजीएमयू प्रशासन को पहली रैगिंग होने की जानकारी यूजीसी ने दिया आैर फटकार भी लगायी थी। इसके बाद कई प्रकार के परिवर्तन करते हुए रैगिंग न होने का दावा केजीएमयू प्रशासन ने किया था। केजीएमयू प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी हो रही रैगिंग से अभिभावकों में डर व आक्रोश व्याप्त है। बताते है कि डरे व भयभीत अभिभावकों ने एक दूसरे सम्पर्क करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही हस्ताक्षर अभियान भी शुरू करने जा रहे है।
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