लखनऊ । केजीएमयू के फाइनल ईयर के मेडिकोज की मौत पर परिजनों के द्वारा लगाये आरोप को शासन ने गंभीरता से लिया है। मृतक मेडिकोज की मां ने केजीएमयू के फिजियोलॉजी विभाग के चिकित्सक शिक्षक पर जातिवाद करने का आरोप लिखित रूप से लगाया है। उधर केजीएमयू प्रशासन के सभी जिम्मेदारी अधिकारी इस घटना पर मौत साधे है। जबकि केजीएमयू के कुछ चिकित्सक शिक्षकों का कहना है कि वर्ष 2010 में मेडिकोज की मौत पर आरोप लगा था, लेकिन उसके बाद कापियों की जांच में बार कोड बना दिया गया, जिससे मेडिकोज की पहचान नहीं हो सकती है, पर प्रयोगात्मक परीक्षा में भेदभाव हो सकता है।
बताते चले कि एमबीबीएस फाइनल ईयर की मेडिकोज की मौत पर उसकी मां ने अरोप लगाया है कि फिजियोलॉजी विभाग के चिकित्सक शिक्षक लगातार जातिवाद का टिप्पणी करते हुए उत्पीड़न कर रहे थे। इसी उत्पीड़न में वह अल्कोहल का सेवन करने लगा आैर दिल्ली में इलाज के दौरान 15 अगस्त पर उसकी मौत हो गयी। मां ने कुलपति से मिल कर लिखित शिकायत देनी चाही, लेकिन ऐसा नहीं हो सका तो उसने कुलपति कार्यालय में शिकायत दे दी है। इस शिकायत की खबर प्रकाशित होने के बाद शासन ने केजीएमयू से इसकी जानकारी मांगी है।