लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में नये बैच के मेडिकोज की रैगिंग का मामला खुलासा हुआ है। यह खुलासा तब हुआ जब नये बैच के अभिभावकों ने प्राक्टर से शिकायत की, नहीं तो रैगिंग रोकने की सारी तैयारी धरी की धरी रह गयी थी। इससे नये बैच के मेडिकोज डरे हुए है। वर्ष 2016 बैच सीनियर मेडिकोज नये बैच के मेडिकोज पर मोबाइल से ड्रेस कोड समझाने व रैगिंग के अन्य नियम बताने के साथ ही न करने पर धमकी देने का आरोप है। नये बैच के मेडिकोज ने अपने अभिभावकों से शिकायत की तो केजीएमयू प्रशासन हरकत में आया। जांच में मोबाइल से सभी जानकारी प्राप्त हो गयी। रैगिंग को देखते हुए दोनों सीनियर मेडिकोज का कमरा आवंटन समाप्त कर दिया गया है आैर कभी भी छात्रावास में कमरा न देने का निर्देश दिया गया है। बताया जाता है कि सीनियर के निर्देश पर नये बैच के मेडिकोज झुक कर सलाम करना, तीसरे बट पर नजर रख रहे थे।
चीफ प्राक्टर डा. आरए एस कुशवाहा ने बताया कि कुछ अभिभावकों ने उन्हें फोन पर शिकायत की कि एमबीबीएस 2017 बैच के नये मेडिकोज कुछ सीनियर मेडिकोज मोबाइल पर अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे है। इसके साथ ही एक खास ड्रेस कोड समझाने, तीसरे बटन पर नजर रखने , झुक कर सलाम करने तथा कटोरा कट बाल छोटे करने की आदि करने की धमकी दी गयी। जांच के लिए प्रावोस्ट न्यू सीवी छात्रावास, एडिशनल प्राक्टर डा. अनूप कुमार, असिस्टेंट प्राक्टर डा. जगदीश नारायण, डा. कौशल किशोर, डा. कमलेश्वर सिंह ने नियुक्त किया। 2017 बैच के मेडिकोज से पूछताछ पर पता चला कि नये बैच के मेडिकोज के मोबाइल पर दोनों सीनियर मेडिकोज ने कॉल करने रैगिंग के बारे में जानकारी दी।
इसकी पुष्टि 2017 बैच के मोबाइल के स्क्रीन शॉट से हो गयी। इस घटना से नये बैच के मेडिकोज डरे सहमे है। इस पर नियमानुसार दोनों सीनियर मेडिकोज छात्रावास स्थिति कमरों का आवटंन निरस्त कर दिया गया है। इनको कभी भविष्य में क मरे का आवंटन भी नहीं किया जाएगा।