लखनऊ – किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में MBBS मेडिकोस द्वारा कर्मचारियों की घटना ने आज सुबह तूल पकड़ लिया. MBBS मेडिकल पर कार्रवाई ना होने से सुबह ब्लड कलेक्शन Lab को नहीं खोला जा सका. इससे सैकड़ों मरीज लाइन में लगे रहे और परेशानी का सामना करना पड़ा. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें धमकी दी गई थी. उधर MBBS मेडिकोस पर कोई कार्रवाई ना होने पर कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. बृहस्पतिवार की सुबह कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विकास सिंह व महामंत्री गंगवार ने बताया कोई कार्यवाही नहीं हुई है इसलिए इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर 10:00 बजे से पूरे मेडिकल कॉलेज में कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे. इसमें अभी आवश्यक सेवाओं को शामिल नहीं किया गया है . अगर कोई बात नहीं बनती है तो इमरजेंसी कार्य भी प्रभावित होंगे.
बताते चलें कि चिकित्सा विश्व विद्यालय में मरीजों व चिकित्सकों के बीच झड़पों की घटनाआें के बीच बुधवार को एमबीबीएस छात्रों व कर्मचारियों के बीच मारपीट हो गयी। मारपीट की वजह मंगलवार को सै पल लेने के दौरान एक छात्र से कार्ड मांगना रही। कर्मचारी परिषद के महामंत्री प्रदीप गंगवार ने बताया कि मंगलवार को एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का एक छात्र सै पल देने व उसकी रसीद लेने आया। वहां बैठे कर्मचारी ने छात्र से चिविवि द्वारा दिये गए कार्ड की मांग की जो छात्र को नागवार गुजरी। कैशियर पंकज मौर्या व छात्र के बीच बहस हो गयी। हालांकि अन्य कर्मचारियों के हस्तक्षेप के बाद सै पल लेने का कार्य हो गया लेकिन छात्र इस घटना से नाराज हो गए। इसके बाद बुधवार को सवेरे करीब 11बजे 50 से 60 डॉक्टर (जूनियर और सीनियर) कैशियर के कक्ष के पास आ धमके।
उन्होंने वहां मौजूद कर्मचारियों को कमरे में बंद कर लिया। कर्मचारियों ने बताया कि इसके बाद इंजार्च जिआउद्दीन को गालियां देते हुए कॉलर पकड़ लिया। वहीं लैब एसिस्टेंड किरन से बदसलूकी करते हुए उसका हाथ पकड़ लिया जिससे उनके हाथों की चूडिय़ां तक टूट गई। महिला को चोट भी आई है साथ ही उनका मोबाइल फोन भी टूट गया है। बताया गया है कि करीब एक घंटे तक सभी कर्मचारियों को बंधक बना गया था। घटना की जानकारी अधिकारियों को दी गयी लेकिन इस बीच किसी भी अधिकारी ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। काफी देर बाद चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बीके आेझा ने इसकी सुध ली और उनके हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और छात्र वापस लौट गए।मरीजों को किया बाहरकर्मचारियों ने बताया कि मारपीट की योजना बनाकर आए छात्रों ने कमरे का दरवाजा बंद करने के लिए वहां मौजूद मरीजों को धक्का देकर कमरे से बाहर कर दिया।
यही नहीं वहां मौजूद एक कर्मचारी मरीज को सै पल निकाल रहा था उसे भी नहीं छोड़ा और ब्लड निकलवा रहे मरीज की निडिल निकालकर उसे भी बाहर कर दिया। घटना के बाद आक्रोषित कर्मचारी एकजुट हो गए। कर्मचारियों ने कार्रवाई की मांग की। आरोपी छात्रों पर कार्रवाई के लिए चिविवि प्रशासन को शाम 4 बजे तक का समय दिया गया लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। कर्मचारियों ने सीएमएस प्रो. एसएन शंखवार, प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा से कार्रवाई की मांग की .लेकिन उन्होंने बताया कि कुलपति के आदेश पर घटना की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी मामले की जांच कर रिपोर्ट देगी उसके बाद ही कार्रवाई हो सकेगी। इस पर कर्मचारियों ने साफ किया उन्हें कमेटी की जांच पर भरोसा नहीं।
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