लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के शताब्दी अस्पताल फेज दो में नौ तल पर लिफ्ट अचानक फंस जाने से हड़कम्प मच गया। लिफ्ट के अंदर चार मरीज व तीमारदार थे। सुबह आठ बजे हुई घटना में लिफ्ट को तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं खुल पाने पर अफरा-तफरी मच गयी। बाहर खड़े तीमारदार शोर मचाने लगे। मौके पर काफी देर बाद पहुंचे केजीएमयू के तकनीशियनों से भी लिफ्ट नहीं खुल पा रही थी।
इस बीच किसी चौक स्थित फायर बिग्रेड स्टेशन को सूचना दे दी कि इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में आग लग गयी है। मौके पर आनन-फानन में फायर सर्विस स्टेशन दो गाड़ियां ट्रामा सेंटर पहुंच गयी। यहां पर ट्रामा सेंटर में आग लगने की सूचना तो नहीं मिली, बल्कि शताब्दी अस्पताल फेज दो में लिफ्ट में मरीज व तीमारदारों के फंसने की जानक ारी मिली। यह लोग करीब एक घंटे से लिफ्ट में फंसे हुए थे।
मौके पर फायर बिग्रेड के जवान पहुंच गये। मौके पर मौजूद लोगों को फायर बिग्रेड के लोगों को देख कर राहत मिली। पूरी स्थिति समझने के बाद उन सभी काम्बी टूल्स का प्रयोग करते हुए लिफ्ट के दरवाजे को खोल दिया। लिफ्ट का अंदर धनंजय, मनदीप रंजन, प्रमोद रंजन आैर रवि रंजन बाहर निकलने पर राहत की सांस लिये। बताते चले कि लिफ्ट पहले से खराबी आ रही थी, लेकिन लिफ्ट की देखरेख क रने वाले कर्मियों ने तकनीकी गड़बड़ी ठीक कराने पर ध्यान नहीं दिया।
इसका खामियाजा सुबह लिफ्ट बंद हो गयी आैर नहीं खुली। लोगों का कहना है कि अगर यही लिफ्ट नौ से दस बजे के आस-पास बंद हो जाती है तो इस वक्त नीचे ऊपर जाते वक्त पूरी तरह से फुल रहती है आैर लिफ्ट का मरीज व तीमारदार इंतजार किया करते है। केजीएमयू प्रशासन फिलहाल इस घटना पर चुप्पी साधे है आैर जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि लिफ्ट कुछ देर के फंसी थी। मरीजों व तीमारदार को बाहर निकाल लिया गया।
लिफ्ट फंसने की कई बार हो चुकी है घटनाएं, फिर भी सबक नहीं लेता केजीएमयू प्रशासन
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में लिफ्ट की मरम्मत व रखरखाव का कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। शताब्दी फेज दो में लिफ्ट फंसने की घटना नयी नही है। इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में भी कई बार लिफ्ट फंस चुकी है आैर मशक्कत के बाद मरीजों आैर तीमारदारों को बाहर निकाला गया। फिर भी अभी भी लिफ्ट की समय- समय पर सर्विसिंग नहीं होती है। दावा किया जाता है कि सम्बधित कम्पनी अौर तैनात कर्मचारी समय -समय पर लिफ्ट में आने वाली कमियों को दूर करते रहते है, लेकिन यह दावा कागजों पर दिखायी देता है। लिम्ब सेंटर, नयी ओपीडी, मेडिसिन विभाग में लिफ्ट फंसने की घटना हो चुकी है। हर बार जांच करने के आदेश के बाद भी लिफ्टों के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता है।