लखनऊ .आज 71वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन कें प्रांगण में कुलपति प्रो मदनलाल ब्रह्म भट्ट जी द्वारा ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर कुलपति जी ने ध्वजारोहण कार्यक्रम में उपस्थित सभा को सम्बोधित करते कहा कि हमें हर वक्त अपने मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए मरीजो के हित में कार्य करना चाहिए। वर्तमान में चिकित्सा विश्वविद्यालय में कुल 200 वेंटिलेटर स्थापित हो चुके है। जो कि पूरे प्रदेश में ही नही बल्कि पूरे देश में सबसे बड़ी वेंटिलेटर यूनिट है।
मरीजों के हित में जेनरिक दवाओं को उपलब्ध कराने हेतु अमृत फार्मेसी से समझौता किया जा चुका है जिससे मरीजो को कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाली दवाओं को उपलब्ध कराया जा सके। चौक चौराहे से डाली गंज पूल तक एक उपरीगामी सेतु के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा चुका है जिसके निर्माण के लिए शासन द्वारा मौखिक स्वीकृत मिल चुकी है। एमसीआई के निर्देशों के अनुसार चिकित्सा विश्वविद्यालय में सभी चिकित्सा शिक्षकों एवं चिकित्सको की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेंट्रिक अटेण्डेंस की व्यवस्था किया जाना है जिससे सभी चिकित्सा शिक्षकों की उपस्थिति सिधे एमसीआई को भी प्राप्त हो सके। चिकित्सा विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में औषधीय पौधे भेंट किये जाने की व्यवस्था किया गया जो की पर्यावरण के हित से बहुत उपयोगी है।
मेरे कुलपति बनने के तत्काल बाद चिकित्सा विश्वविद्यालय में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के पी0एफ0 और इएसआईसी को सुचारू रूप काटना एवं उनके भुगतान के लिए सुचारू व्यवस्था किया जाना सुनिष्चित किया गया। हम अपने राजनीतिक आजादी, अपने सांस्कृतिक आजादी और अपनी आर्थिक आजादी के साथ अपने दायित्वों का सही निर्वाह करें तभीं आज के दिन को सही मायने में हम चरितार्थ कर पायेंगे। ट्रॉमा सेण्टर में आग की दुर्घटना घटित होने के बाद जिस प्रकार चिकित्सकों, छात्रों एवं कर्मचारियों द्वारा अपने दायत्विों का निर्वाह किया गया वह काबिले तारीफ हैं। उतनी बड़ी घटना के बावजूद उसी रात इमरजेंसी व्यवस्थाओं को बहाल कर दिया गया।
शताब्दी फेज दो में सौर ऊर्जा द्वारा संचालित रसोई घर के माध्यम से मरीजों और उनके तीमारदारों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। शताब्दी अस्पताल में तीमारदारों के रहने के लिए पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन द्वारा रैन बसेरे का निर्माण कराया जा रहा है इसके अलावा ओल्ड डेण्टल भवन और पल्मोनरी विभाग के पास रैन बसेरे का संचालन किया जा रहा है। सीटी स्कैन और एक्स-रे की जांच में चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा फिल्म उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई जिससे चिकित्सकों को परेशानी का सामना न करना पड़े। चिकित्सा विश्वविद्यालय में चिकित्सा शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए चिकित्सा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से बढ़कार 70 करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।