Kgmu: नर्सिंग ऑफिसर से मारपीट में 4 रेजीडेंट डाक्टर निलंबित

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में नर्सिंग अधिकारी से मारपीट के आरोप में चार रेजिडेंट डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। यह चारों रेजिडेंट डाक्टर आर्थोपैडिक विभाग के हैं। मारपीट के इस प्रकरण में दोनों ओर से एफआईआर दर्ज करवायी गयी है। एफआईआर दर्ज होने पर दोनों पक्षों में ने केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में प्रदर्शन किया था। जिससे अफरा -तफरी मच गयी है आैर इलाज में दिक्कतें आना शुरू हो गयी थी। केजीएमयू प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति बनता देखा समझा- बुझा कर शांत कराया।

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बताते चले कि केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर की ऑर्थो ओटी में शनिवार देर रात जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने नर्सिंग अधिकारी शुभम राव की जमकर पिटाई कर दी थी। इसके बाद रेजिडेंट डॉक्टरों पर नशे में धुत होकर मामूली बात पर विवाद करते हुए लात घूसों पिटाई का आरोप लगा है। इस प्रकाण की जांच कर रही टीम को इस मामले में प्राथमिक जांच के आधार पर चार रेजिडेंट डाक्टर अश्विन, आयुष, निखिल व अंकित वर्मा को दोषी पाये गये। इन चारों को तत्काल प्रभाव से केजीएमयू प्रशासन ने निलंबित कर दिया। जांच पूरी होने तक यह चारों निलंबित रहेंगे। अंतिम जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इस घटना में दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर एक दूसरे पर दर्ज करवाई गई है।

सोमवार को ट्रॉमा सेंटर में हुई मारपीट के मामले में रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी गुटों में लामबंद हो गए हैं आैर खुल कर आंदोलन करने की चेतावनी देते हुए प्रदर्शन करने लगे। रविवार को नर्सिग अधिकारियों ने दोषी रेजीडेंट डाक्टरों पर कार्रवाई की मांग पर ट्रॉमा सेंटर का घेराव किया था। नर्सिग अधिकारी सोमवार चार बजे तक कार्रवाई होने के आश्वासन पर कार्य बहिष्कार समाप्त करने को तैयार हुए थे। सोमवार शाम चार बजे तक कार्रवाई न होने पर नर्सिंग अधिकारी एक बार फिर से एकत्र होकर ट्रॉमा सेंटर पहुंच गए। उधर रेजीडेंट भी लामबंद हो कर साथियों पर कार्रवाई होते देख ट्रॉमा पहुंच गए।

ट्रामा सेंटर में बिगड़ती व्यवस्था को देखकर एक बार फिर पैरामेडिकेल संकाय के डीन और केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने दोनों पक्षों को समझाना शुरू किया। टकराव और तनाव की स्थिति को देखते हुए उन्होंने नर्सिंग अधिकारियों को ट्रॉमा के भीतर और रेजिडेंट को बाहर ही रोका दिया। डॉ. केके सिंह ने किसी भी पक्ष के साथ अन्याय न होने देने की बात कहते हुए समझा बुझा कर शांत करा दिया।

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