kgmu:1975बैच ने गोल्डन जुबली वर्ष में साझा की पुरानी यादें

0
86

लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में गोल्डन जुबिली बैच के जार्जियन्स पुनर्मिलन समारोह का ब्रााउन हॉल आयोजित किया गया। सम्मेलन में विशेषज्ञ डाक्टर्स से अपनी पुरानी यादा साझा की।

Advertisement

सम्मेलन में 1975 बैच के डॉ. निशीथ जेटली और उनकी पत्नी डॉ. यशी भारद्वाज ने भी अपनी प्रेम कहानी साझा की। डॉ. निशीथ ने बताया कि दोनों का एक ही बैच था। इस दौरान नाटक का मंचन किया गया। उल्टी गंगा नाम के नाटक में डॉ. यशी उसके पति के किरदार में थी। वह पत्नी बने थे, जिसमें दिखाया गया था कि यदि पति को पत्नी की जिम्मेदारी निभानी पड़े तो कैसा होता है। निशीथ के मुताबिक उस समय से उनका प्रेम एक दूसरे के प्रति जागा।

आज दोबारा कॉलेज आने का मौका मिला। यहां हर उस जगह पर गए जहां हम दोनों अक्सर मिला करते थे। विशेषज्ञ डॉ. राकेश कपूर ने बताया कि बीते हुए दिन कभी वापस नहीं लौटते, लेकिन यादें हमेशा जिंदा रहती हैं। केजीएमयू में आकर एक फिर से पुराने दिनों की याद ताजा हो गयी। पुराने दोस्तों से मिलकर फिर से उर्जा भर गई।

ब्राउन हॉल की कुर्सियों को देख कर बहुत सारी यादें ताजा हो गईं। उन्होंने कहा कि केजीएमयू से हमें बड़ा मुकाम मिला। पीजीआई जैसे संस्थान का निदेशक रहने के बाद अब मेदांता अस्पताल की जिम्मेदारी निभा रहा हूं। डॉ. जीके थपलियाल ने कहा कि सीनियर रैगिंग में भी अपनापन साफ झलकता था। यहां से निकलने के बाद हमने आर्मी ज्वॉइन की। जहां 35 वर्ष से अधिक ज्यादा सेना में रहा।

मेजर जनरल के पद से रिटायर होने के बाद अब सुभारती ग्रुप का डायरेक्टर जनरल हूं। डॉ. यूके जैन ने कहा कि यह बैच उस दौर का है जब देश में इमरजेंसी लगी थी। तब और अब के केजीएमयू में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन हो रहे है। कई नए विभाग शुरू हुए हैं। आज इन बैच के अपने छात्रों से मिला तो बहुत सारी खट्टी-मीठी यादें ताजा हो गयी।

Previous articleकपिल शर्मा का सपना इंडियन आइडल पर सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर हुआ पूरा
Next articleमरीज़ अगर लाइलाज है तो संगीत भी दे सकती है, बेहतर जिंदगी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here