लखनऊ। केजीएमयू का लव जिहाद, धर्मान्तरण प्रकरण पर शासन से लेकर परिसर तक हंगामा होने के बाद केजीएमयू प्रशासन सोमवार को एक्शन में आ गया। सोमवार को विशाखा कमेटी गठित करके जांच शुरु करा दी गयी। देर शाम तक कमेटी प्रकरण की जांच में लगी रही।
सोमवार को कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद के निर्देश पर धर्मान्तरण प्रकरण को विशाखा कमेटी गठित करके जांच शुरु करा दी। आनन-फानन कमेटी के सदस्यों ने भी पीड़ित महिला और आरोपी पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर को फोन कर बुलाने का प्रयास शुरू कर दिया। बताया जाता है कि अधिकारियों के कई बार दोनों को फोन करने पर नहीं उठा। इसके बाद फिर लिखित पत्र दोनों के वॉट्सएप पर भेजा गया। इसके कुछ समय बाद दोनों रेजिडेंट डॉक्टरों से संपर्क किया जा सका। बताया जाता है कि जांच की जानकारी मिलते ही आरोपी पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर ने स्वस्थ्य गड़बड़ होने के बात कहते हुए विभाग प्रमुख से अवकाश लेने का प्रयास कोशिश की, लेकिन प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विभाग प्रमुख ने आरोपी रेजिडेंट को छुट्टी देने से मना कर दिया।
कमेटी की तमाम कोशिशों के बाद दोपहर बाद पीड़ित व आरोपी विशाखा कमेटी के सामने प्रस्तुत हो गये। दोनों के बयान दर्ज किये गये। बताया जाता है कि कमेटी के सामने पुरुष रेजीडेंट डॉक्टर ने खुद को बिना शादी शुदा बताया। पूर्व में महिला डॉक्टर से शादी की बात को नकार दिया। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. केके सिंह का कहना है कि कमेटी ने आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर से शादी शुदा न होने के सुबूत देने के लिए कहा हैं, क्योंकि पीड़िता ने लिखित शिकायती पत्र में पहली डॉक्टर पत्नी पता तक का जिक्र कर किया है।
। कमेटी ने कहा कि पीड़िता के शिकायती पत्र में लिखे पहली महिला डॉक्टर को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। यदि महिला डॉक्टर न आ सके तो शपथ पत्र देना होगा, जिसमें कुंवारा होने और महिला डॉक्टर से कोई संबंध न होने का जानकारी दी गयी हो। प्रवक्ता डा. सिंह ने बताया कि जांच देर रात तक जारी रही। मंगलवार को ही कोई निर्णय हो सकता है।
बताते चले कि केजीएमयू पैथोलॉजी में पश्चिम बंगाल की रहने वाली एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के पिता ने उत्तराखंड के खटीमा निवासी पुरूष रेजिडेंट डॉक्टर पर उसकी बेटी का धर्मांतरण कराने की कोशिश का आरोप लगाया है। इसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्य महिला आयोग के पास भेजी है। पीड़िता के पिता का यह भी कहना है कि पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर ने उसकी बेटी से शादी करने से पहले धर्म बदलने का दबाव बनाया। मना करने पर भी उत्पीड़न करता रहा। उत्पीड़न से परेशान रेजीडेंट छात्रा ने 17 दिसंबर को आत्महत्या का कोशिश की। ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में इलाज चला। शुक्रवार को तबीयत में सुधार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। उधर पैथालॉजी विभाग प्रमुख डा. सुरेश बाबू का कहना है कि विभिन्न वाट्सएप ग्रुप पर भ्रामक सूचनाएं फैलायी जा रही है, जबकि मैं ईमानदारी से पीड़िता के साथ और दोषी के विरुद्ध कानूनी सजा का पक्षधर हूं।











