कार्यपरिषद में लिए गए फैसलों पर संकट

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति व कुलसचिव ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान ही कार्यपरिषद की बैठक करा दी गई। इसके साथ ही काफी संख्या में नीतिगत फैसले ले लिए। नियमानुसार नहीं करायी गयी कार्यपरिषद की बैठक की शिकायत पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डाक्टर ने राजभवन में कर दी है। शिकायत के आधार पर संस्थान से जवाब-तलब किया गया है।

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बताते चले कि राज्य में 27 मई तक आचार संहिता लागू थी। वहीं 25 मई को केजीएमयू में कार्यपरिषद की बैठक कर ली गयी। बैठक में कोरम के सदस्य अधूरे थे। इसके बाद भी बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय ले लिया। कुछ मामलों में कार्रवाही होने की संस्तुति भी की गयी। इसके विरोध में केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ. आशीष वाखलू ने मामले की शिकायत राजभवन में कर दी कि कार्यपरिषद की बैठक आचार संहिता के दौरान की गयी, जो कि नियमानुसार गलत है। इसके बाद 18 जून को राजभवन ने केजीएमयू प्रशासन से कार्यपरिषद को लेकर जवाब-तलब किया है। इस कार्यपरिषद में करीब 38 मसले रखे गए थे। बताया जाता है कि कुछ डॉक्टर कार्यपरिषद को अवैधानिक बताकर कोर्ट में चुनौती देने जा रहे हैं।

यह भी उठे सवाल ?

  • केजीएमयू की सर्वोच्च संस्था कार्य परिषद में 50 फीसद के कम सदस्य होना
  • यूनीवर्सिटी कोर्ट के निर्वाचित सदस्यों का न होना
  • एससी-एसटी के सदस्यों का कार्यपरिषद में शामिल न करना

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