लखनऊ। सही अल्ट्रासाउण्ड जांच से मरीज के फेफड़ों, पेट एवं शरीर के अन्य अंगों की बीमारी के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यह जानकारी डॉ. जिया अरशद ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एनेस्थीसिया विभाग द्वारा कलाम सेंटर में एआईसीयू में अल्ट्रासाउण्ड की उपयोगिता विषय पर एक कार्यशाला में दी। कार्यशाला में अन्य विशेषज्ञों ने मरीज पर इस जांच का लाइव डिमोंसट्रेशन का प्रदर्शन भी किया।
कार्यशाला में केजीएमयू एनेस्थीसिया विभाग के वरिष्ठ डॉ. जीपी सिंह ने इस कार्यशाला को आयोजित किए जाने के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि कई बार यह जांच एक्स-रे, सीटीस्कैन से ज्यादा उपयोगी साबित होती है और इस जांच के दौरान मरीज को रेडियेशन से होने वाला नुकसान भी नहीं होता तथा रक्त की जांच किए बिना ही बीमारी की पहचान करने में मददगार होती है।
आयोजन सचिव एवं केजीएमयू एनेस्थीसिया विभाग के चिकित्सक डॉ. जिया अरशद ने बताया कि अल्ट्रासाउंड में भी कई प्रकार की जांच की जाती है। अल्ट्रासाउण्ड जांच से मरीज के फेफड़ों, पेट एवं शरीर के अन्य अंगों से संबंधित बीमारी के बारे में जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है, लेकिन जांच करने वाला भी विशेषज्ञ होना चाहिए जो कि बीमारी की पहचान व लक्षणों को पहचान कर सके।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली के डॉ. मनीष कुमार सिंह, डॉ. आलोक गुप्ता, डॉ. पुनीत तथा डॉ. शमीक भट्टाचार्य ने आईसीयू में यह जांच मरीजों के लिए कितनी उपयोगी साबित हो सकती है और उसकी वरीयता के बारे में विस्तार से चर्चा की।
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