लखनऊ। सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्टासाउंट व एक्सरे आदि जांचें एक साथ कराने से बचना चाहिये, क्योंकि इन मशीनों से निकलने वाला रेडिएशन शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है। शरीर के कुछ खास अंगों में कैंसर आदि अन्य बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। मरीज में रेडिएशन पांच एमएसवी से अधिक रेडिएशन साल भर में नहीं होना चाहिए।
यह जानकारी शुक्रवार को पीजीआई में इंटरनेशनल डे ऑफ रेडियोलॉजी पर आयोजित कार्यशाला में संस्थान की रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना गुप्ता ने कही। कार्यशाला में डॉक्टरों ने कहा कि मरीजों को यह जांचें एक-दो रोज या
सप्ताह भर के अंतराल में करानी चाहिए।
संस्थान के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव सिंह बताया कि रेडिएशन से सभी के सचेत रहने की जरूरत है। रेडिएशन के दुष्प्रभाव की आशंका गले, स्तन, जनांग, पेट आदि अन्य अंगों पर अधिक होती है। रेडिमेट्रिक्स सुरक्षित रेडियोटेक्नोलाजिस्ट सरोज वर्मा ने कहा कि मरीजों के साथ ही वहां मौजूद स्टाफ को भी रेडिएशन से खतरा रहता है। लिहाजा जांच के वक्त कर्मचारियों को लेड एप्रिन, गले में कॉलर, आंख चश्मा आदि सुरक्षा के उपकरण प्रयोग करने चाहिए। मरीज में रेडिएशन पांच एमएसवी से अधिक रेडिएशन साल भर में नहीं होना चाहिए।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.