जीवन दीर्घायु नहीं, गुणात्मक रूप से समृद्ध होना चाहिए : उपराष्ट्रपति

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लखनऊ। देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि यदि देश को सतत विकास के मार्ग पर बढ़ना है और विश्व समुदाय में अपना अभीष्ट अग्रणी स्थान प्राप्त करना है, तो आवश्यक है कि हम विश्वास और जोश से भरी अपनी विशाल युवा जनसंख्या को स्वस्थ रखें। उन्होंने कहा कि जीवन को मात्र दीर्घायु कर देना पर्याप्त नहीं, जीवन गुणात्मक रूप से समृद्ध होना चाहिए, जीवन संतुष्ट होना चाहिए। उपराष्ट्रपति शुक्रवार को संजय गांधी पीजीआई में कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया की नेशनल इंटरवेंशन काउंसिल की वार्षिक बैठक व कार्डियोलाजिस्ट कांफ्रेंस के उद्घाटन समारोह में सम्बोधित कर रहे थे।

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अपने उद्घाटन भाषण में उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कहा कि आज कल संक्रामक रोगों की तुलना में जीवनशैली पर आधारित असंक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि मधुमेह और कार्डियक रोगों के सबसे ज्यादा मरीज हमारे देश में हैं। आशा व्यक्त की कि डॉक्टर तथा स्वास्थ्य कर्मी लोगों में स्वस्थ जीवन शैली के प्रति जागृति पैदा करेंगे। युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि “आज विश्व भर में लगभग 170 लाख लोग प्रतिवर्ष ह्मदय रोगों के शिकार हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश में हार्ट अटैक से ग्रस्त लोगों में से 40 प्रतिशत 55 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं। हार्ट अटैक से मरने वाले 25 प्रतिशत लोग 35 वर्ष से कम आयु के है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज विश्व, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए योग के महत्व को स्वीकार कर रहा है। योग में कई व्याधियों का विशेष कर जीवनशैली से संबंधित बीमारियों का उपचार है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें बच्चों को ट्रांस फैट युक्त खाने के बजाय पौष्टिक आहार लेने के प्रति प्रोत्साहित करना चाहिए। बच्चों में शारीरिक व्यायाम वाले खेल कूद के लिए प्रेरित करना चाहिए। कार्डियक बीमारियों की रोकथाम और उपचार के लिए प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों को महत्वपूर्ण अग्रणी भूमिका की चर्चा करते हुए, उन्होंने डाक्टरों से अपेक्षा व्यक्त की कि वे कम से कम तीन वर्ष ग्रामीण प्राथमिक प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में सेवा करें। उन्होंने कहा कि हमारे प्राथमिक उपचार केंद्र, उपचार की पहली कड़ी हैं अतः एक मजबूत सक्षम, सुसज्जित और त्वरित प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की श्रृंखला, हमारे द्वितीय और तृतीय चिकित्सा संस्थानों पर बढ़ते बोझ को कम करेंगी।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत कार्यक्रम की सफलता पर उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी इस स्वास्थ्य योजना से इतने काम समय में ही 10 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं। कार्यशाला में राज्यपाल राम नाईक ने भी सम्बोधित करते कहा लैब टैक्नीशियत, पीजीआइ निदेशक डॉ. राकेश कपूर, कार्डियोलॉजिकल सोसायटी आफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केसी गोस्वामी, डॉ. एमके दास, सचिव डॉ. सौमित्र कुमार, पीजीआई के कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. पीके गोयल, डॉ. सत्येन्द्र तिवारी, डॉ. आदित्य कपूर और डॉ. सुदीप कुमार मौजूद थे।

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