लखनऊ। अब स्वाइन लू की जांच के लिए भी मरीजों को जांच के लिए इंतजार कराया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर से जांच लिखवाने बाद उन्हें नमूना देने के लिए तीन से चार घंटे का इंतजार करना पड़ा रहा है। इससे मरीजों की बेहाल हो जाते है। बताते है कि डॉक्टर चार – छह मरीजों के होने पर तकनीशियन को बुलाकर उनका नमूना दिलवाते हैं। अस्पताल प्रशासन का तर्क है कि नमूना देने के लिए मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आती है।
बलरामपुर अस्पताल में ओपीडी में आने वाले संदिग्ध स्वाइन लू रोगियों के लिए पर्चा काउंटर भी अलग नहीं है। सामान्य मरीजों की कतार में खड़े होकर संदिग्ध रोगी पर्चा बनवाते हैं। इसके बाद ओल्ड स्पेशल वार्ड में संबंधित डॉक्टर से पर्चे पर जांच लिखवाने बाद उन्हें स्वाइन लू वार्ड में जांच के लिए भेजा जाता है। जहां पर मरीजों को बिठा दिया जाता है। यहां पर आये मरीज सरस्वती ( बदला नाम) का आरोप है कि शनिवार सुबह 9 बजे अस्पताल गए थे।
दोपहर करीब एक बजे टेक्नीशियन को बुलाकर संग में सभी मरीजों का नमूना लिया गया। करीब चार घंटे तक स्वाइन लू वार्ड के बाहर बिठाए रखा गया। कमोबेश यही हालत सिविल व लोहिया अस्पताल में चल रही है। यहां पर भी मरीजों के स्वाइन फ्लू का नमूना देने से पहले घंटों तक जूझना पड़ता है। इसके बाद मरीजों को एकत्र करके एक संग सैपल लिया जाता है, जहां पर भी मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सिविल अस्पताल की डॉ. एचएस दानू निदेशक का दावा है कि ओपीडी में स्वाइन लू का पर्चा काउंटर व ओपीडी अलग है। डॉक्टर के लिखने पर महज दस मिनट में मरीज का सैंपल ले लिया जाता है। मरीज को इंतजार नहीं करना पड़ता है।
बलरामपुर अस्पताल के डा. राजीव लोचन का कहना है कि आने वाले संदिग्ध रोगियों के सैंपल लेने का समय दोपहर 1 से 2 बजे तक है। इसके बाद सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेज दिए जाते हैं। कहा मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए वार्ड में बिठाया जाता है। सभी मरीजों को एकत्र करके जांच की जाती है।
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