लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन एक बार फिर व्यवस्था में बड़ी फेर बदल कर तैयारी कर रहा है। बताया जाता है कि इस नयी व्यवस्था के तहत मेडिकोज परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्नों को समाप्त किया जा सकता है। यह बहुविकल्पीय प्रश्न परीक्षा को पूर्व कुलपति प्रो. रविकांत कायकाल में शुरू किया था।
केजीएमयू में पूर्व कुलपति प्रो. रविकांत ने एमबीबीएस व बीडीएस परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्नों को शुरू कराया था। इस नये पैटर्न में मेडिकोज को परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्नों के साथ थ्योरी के प्रश्न भी दिये जाते थे। पूर्व कुलपति प्रो. रविकांत का तर्क था कि यह विदेशी पैटर्न है आैर इससे मेडिकोज को अध्ययन करने में मेहनत करनी होगी, जबकि इसका विरोध करते हुए केजीएमयू के डाक्टरों का ही तर्क था कि बहुविकल्पीय प्रश्नों से मेडिकोज में समझने पड़ेगा आैर चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण विषय को समझने के लिए थ्योरी समझना ही आवश्यक है। ऐसे तो मॉडल पेपर की तरह व अध्ययन करके परीक्षा पास होना चाहेगा। विरोध के बावजूद मेडिकोज बहुविकल्पीय प्रश्नों को परीक्षा में हल कर रहे थे।
इस प्रकार के बहुविकल्पीय प्रश्नों पत्रों को लेकर कई बार विवाद भी उठा था। पर अब नये कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट के कार्यकाल में बहुविकल्पीय प्रश्न परीक्षा को समाप्त किया जा सकता है। बताया जाता है कि बहुविकल्पीय प्रश्न परीक्षा को समाप्त करने की तैयारी चल रही है। इसको हटाने के लिए कार्यपरिषद व एकेडमिक काउसिल की बैठक में प्रस्ताव को सहमति मिलने के बाद हटाया जाएगा। केजीएमयू मेडिकोज की इस सत्र के आखिरी सेमेस्टर समाप्त होने का इंतजार कर रहा है।