ऐसे में कोरोना जांच नहीं करायी तो ली जाएगी पुलिस की मदद

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लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग के नये निर्देश में कोरोना का मरीज मिलने पर उसके घर के साथ आस-पास सम्पर्क में आने वाले सभी लोगों कोरोना संक्रमण की जांच की जाए। आरआरटी टीम को सख्त निर्देश दिये गये है कि कोरोना का पाजिटिव केस मिलने पर सभी की जांच जरूरी है। इस दौरान अगर कोई जांच कराने से मना करता है या विरोध करता है। जांच कराने में पुलिस की मदद ली जाए।
सीएमओ डॉ. संजय भटनागर का कहना है कि अभी तक जिस घर में कोरोना संक्रमण का मरीज मिलता था, उसके परिजनों की जांच की जाती थी ,लेकिन अब संक्रमण प्रसार को रोकने के लिए नये निर्देश दिये गये है। अब परिवार के सदस्यों के साथ उसके सम्पर्क में आने वाले तथा अड़ोस- पड़ोस में रहने वालों के अलावा परिजनों के सम्पर्क में आने वाले लोगों का भी कोरोना जांच कराना होगा।
इसके साथ ही क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन बनाकर जांच तेज की जाएगी। बताते है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना होता है कि लोग जांच न कराने से बहाने बनाते हैं तथा कई लोग तो खुल कर विरोध भी करते हैं। इन सब के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने निर्देश दिए हैं। उन्होंने आरआरटी टीम को हिदायत दी गयी है कि मरीज के सम्पर्क में आये सभी की हरहालत में जांच की जाए। यदि अड़ोस-पड़ोस या परिजन जांच नहीं कराता है,या विरोध करता है तो पुलिस की मदद की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच में कोई गड़बड़ी स्वीकार नहीं की जाएगी। यही नहीं यदि कोई स्वास्थ्य कर्मी फर्जी जांच करता है या फिर कोरोना की फर्जी रिपोर्ट अपलोड करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई सख्त की जाएगी। जांच के बाद फर्जी रिपोर्टिंग पर पूरी टीम के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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