लखनऊ। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की खून की महंगी जांचें अब नि:शुल्क हो जाएगी। इसके लिए अस्पतालों की लैबों को उच्चीकृत करने का प्रस्ताव है। वहां पर उपकरण व रीजेंट आदि की व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था प्रदेश के 51 सरकारी अस्पतालों में मिलेगी। मार्च के अंतिम सप्ताह तक व्यवस्था को पूरा करने की कवायद की जा रही हैं, लेकिन बताया जाता है कि किसी भी बड़े सरकारी अस्पताल में उपकरण व अन्य सामान नहीं पहुंचना शुरु हो सका है।
राजधानी के जिला अस्पताल बलरामपुर के अलावा सिविल, लोहिया अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों की लैब को उच्चीकृत करने का काम किया जाएगा। उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट (यूपीएचएसएसपी) और स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों में लैब को उच्चीकृत करने का काम करेगा। इसके लिए अस्पताल की पैथालॉजी विभाग की लैब में महंगी जांचों से संबंधित उपकरण, मशीनें, रीजेंट आदि की व्यवस्था की जाएगी।
अगर देखा जाए तो राजधानी के बलरामपुर, सिविल, लोहिया, लोकबंधु, डफरिन समेत किसी अस्पताल में अभी खून की महंगी व उच्चस्तरीय जांचें नहीं होती हैं। न ही इन अस्पतालों की पैथालॉजी लैब में अभी उन जांचों से संबंधित किसी प्रकार के उपकरण स्थापित किए गए हैं, परन्तु यूपीएचएसएसपी के अफसरों का दावा है कि अस्पतालों में उपकरण, रीजेंट आदि पहुंचाए जा रहे हैं। यदि अस्पतालों में उपकरण समय पर पहुंच गए तो मरीजों को पहली अप्रैल से ही खून की महंगी जांचें नि:शुल्क होने लगेंगी।
उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट (यूपीएचएसएसपी) के अंतर्गत नोडल सेंटर परियोजना के तहत अस्पतालों में जटिल बीमारियों की उच्चस्तरीय नि:शुल्क जांचें हो रही थीं। इन नोडल सेंटर का मुख्य काम लोहिया संस्थान के पैथालॉजी विभाग द्वारा देखा जा रहा था। यहां से ही सभी उच्चस्तरीय जांच यह नोडल सेंटर परियोजना 31 मार्च को बंद कर दी जाएगी। यह योजना सभी सरकारी अस्पतालों में उत्तर प्रदेश शासन और यूपीएचएसएसपी के निर्देश पर 28 सितंबर, 2012 से संचालित की जा रही थी। इससे मरीजों की मुश्किलें बढ़ेंगी।
लोहिया संस्थान के पैथालॉजी विभाग ने संचालित होने वाले नोडल सेंटर के अस्पतालों के प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेज कर कहा ग् है कि सेंटर बंद होने पर एसआरसीएलआई के अंतर्गत नया नोडल सेंटर खोला जा सकता है। इसके लिए एसआरसीएलआई के अंतर्गत निर्धारित शुल्क देकर जांच कराई जा सकती है। नोडल सेंटर में उच्च गति का इंटरनेट कनेक्शन, कंप्यूटर प्रिंटर, फर्नीचर, कलेक्शन हेतु सामग्री एवं कंप्यूटर ऑपरेटर स्टेट रेफरल सेंटर द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। जांच का नमूना लोहिया संस्थान पहुंचाया जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक साइन आउट की गई रिपोर्ट मरीजों को सेंटर में नेटवर्क द्वारा उपलब्ध हो जाएगी। इसके लिए संबंधित अस्पताल प्रशासन को नमूना संग्रह के लिए स्थान उपलब्ध कराना होगा। बताते चले कि अभी तक अस्पतालों में संचालित हो रहे नोडल सेंटर में मरीजों की हिस्टोपैथालॉजी, हार्मोनल, यूरिन कल्चर, ब्लड कल्चर, कैंसर संबंधी जांच नि:शुल्क होती हैं।
यूपीएचएसएसपी के अपर परियोजना निदेशक हर्ष शर्मा का कहना है कि अस्पतालों में नोडल सेंटर परियोजना 31 मार्च को बंद हो रही है। प्रदेश के 51 अस्पतालों में पैथालॉजी लैब को उच्चीकृत करने का काम किया जा रहा है। यहां पर मरीजों की नि:शुल्क जांच होंगी।
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