लखनऊ। खुद को खुश रखें तथा दूसरे को भी खुश रखें। मानव शरीर 123 बिलियन कोशिकाओं की कालोनी है, जब आप दूसरे किसी से घृणा करते है तब आप अपना इम्यून सिस्टम को कमजोर करते है। यह जानकारी प्रो बीएम हेगड़े ने किंग चिकित्सा विश्वविद्यालय के कलॉम सेण्टर में आयोजित गोष्ठी में कही।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन चर्या अपनाने पर किसी भी रोग में, किसी भी प्रकार की सर्जरी यहां तक न्यूरो सर्जरी आदि में भी रिकवरी तेज होती है। कोरोनरी ब्लॉकेज और कोरोनरी की बीमारी दोनो अलग होते है, किन्तु ज्यादा तर डॉक्टर इसमे अंतर नही करते और मरीज की सर्जरी या एंजियोप्लास्टि कर देते है। हेल्दी लाईफ स्टाइल से कोरोनरी ब्लाकेज कम होती है। विश्व मे जितने भी कैंसर होते उनमे से 73 प्रतिशत कैंसर एल्कोहल एवं तम्बाकू के सेवन के कारण होते है।
सभी प्रकार के कास्मेटिक उत्पाद यहां तक की शैम्पु, लिपिस्टिक, टूथ पेस्ट आदि भी कैंसर को बढ़ाने में कारगर होते है। उत्साह पूर्व कार्य करने को ही स्वास्थ कहते है। खुद को खुश रखें तथा दूसरे को भी खुश रखें। मानव शरीर 123 बिलियन कोशिकाओं की कालोनी है, जब आप दूसरे किसी से घृणा करते है तब आप अपना इम्यून सिस्टम को कमजोर करते है। किसी भी प्रकार का स्टेरायड, केमिकल को लेने पर हमारे लिवर का क्रिया कलाप पूरी तरह से बदल जाता है। इसलिए किसी भी प्रकार के एल्कोहेल का सेवन ना करें। चिकित्सक अस्पतालों में मरीज के स्वास्थ को नही देखते वो केवल मरीज की बीमारी को देखते है इसलिए रिकवरी स्लो होती है। उतना आज की स्कूलों मे स्लाईड के माध्यम से पढ़ायें जाने वाले पाठ नही।
विद्यार्थियों का मानसिक विकास होना चाहिए न कि उन्हे यंत्र बनाना है। शरीर कार्य करने के लिए बना है इसलिए इससे कठिन परिश्रम करना चाहिए। दूसरे से इष्र्या न करें अपने कार्य के प्रति प्रेम रखें। अपने भौगोलिक वातावरण में उगने वाले फल, सब्जियों आदि का सेवन करे। शुगर स्वास्थ के लिए बहुत हानिकारक है, इसलिए शुगर का सेवन न करे। यदि हम होमियोंपैथीक मेडिसिन को प्लासिबों कहते है तो माडर्न मेडिसिन भी प्लासिबों है, क्यूकी इसके माध्यम से हम मरीजो को ठीक नही कर सकते है।
मरीजो को विश्वास से ठीक किया जा सकता है। रिनल फेलुअर होने पर मार्डन मेडिसिन में चिकित्सकों द्वारा डायलिसिस किया जाता है अंत गुर्दा ट्रांस्प्लांट कर दिया जाता है, जबकि होमियोपैथ, आयुर्वेदा एवं षिद्धा, युनानी आदि में विभिन्न मेडिसिन है।