लोहिया संस्थान का पहला स्थापना दिवस समारोह

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लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को कहा कि चिकित्सकों को नई चुनौतियों का सामना करने आैर चिकित्सा विज्ञान में हो रहे नित नये अनुसंधान के साथ चलने के लिये तैयार रहना चाहिए।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यहां गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर संस्थान में चल रहे यूजी एवं पीजी पाठयक्रम के कुल 18 छात्रों को राज्यपाल द्वारा मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया इसके अतिरिक्त तीन कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट कार्य एवं एक संकाय सदस्य डा. विनीता शुक्ला को कोविड-19 टीकाकरण के नेतृत्व के प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
उन्होंने कहा कि उभरते हुए रोगों पर अनुसंधान करना ही एक ऐसा सबसे बेहतर तरीका है, जिससे हम रोगों की रोकथाम के उपाय करने के लिये तैयार रह सकते हैं। चिकित्सकों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जनमानस में चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति भरोसा बढ़ा है। राज्यपाल ने कहा कि अभी कोरोना से जंग समाप्त नहीं हुई है, टीकाकरण का कार्य चल रहा है, जिसको सब तक पहुंचाने में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को बड़ी जिम्मेदारी निभानी है। इस अवसर पर राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं हेतु छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
राज्यपाल ने चिकित्सा संस्थानों में स्थित चिकित्सा वार्डों खासकर बाल एवं महिला वार्डों की चर्चा करते हुये कहा कि यदि वार्डों की दीवारों पर शिक्षाप्रद बातें लिखी जाए तथा बीमार बच्चों के लिए खेलकूद सामान व पोषण सामग्री रखी जाए, तो इलाज के लिये आने वाले बच्चों का ध्यान बीमारी से हटाकर उसकी ओर आकर्षित होगा तथा वे जल्दी स्वस्थ होंगे। उन्होंने इस प्रकार के प्रयोगों पर विचार करने पर जोर दिया। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि यदि संस्थान 10-15 ग्राम प्रधानों को बुलाकर उन्हें स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरूक करेंगे तो वे अपने गांव में भी स्वास्थ्य शिक्षा का उजाला बिखेरेंगे।
कैबिनेट मंत्री चिकित्सा शिक्षा सुरेश कुमार खन्ना ने लोहिया जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि जिस भावना के साथ इस संस्थान का निर्माण हुआ था। उन्होंने कहा के आदमी बनना भाग्य की बात है, डाक्टर बनना सौभाग्य की बात है। इसलिए डाक्टरों को अपने मरीजों के साथ संवेदनशील एवं मृदु व्यवहारी होना चाहें। समारोह में चिकित्सा शिक्षा मंत्री संदीप सिंह भी मौजूद थे। इससे पहले समारोह का आरम्भ संस्थान के निदेशक प्रो. ए के सिंह के स्वागत सम्बोधन से हुआ, जिसमें जहाँ एक ओर उन्होंने संस्थान के विगत 10 वर्षों की उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया। वहीं दूसरी और संस्थान में क्या कमियों और क्या आवश्यकताएं है। इसकी जानकारी दी। कार्यक्रम में संस्थान के डीन मुख्य चिकित्सा अधिक्षक, संकाय सदस्य, अधिकारीगण, कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डा. सुजीत राय द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन प्रो. राजन भटनागर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।

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