लखनऊ। एक्सीडेंट में घायल होने पर मरीज का प्राथमिक इलाज काफी महत्वपूर्ण होता है। यदि समय रहते उसका सही मैनेजमेंट कर दिया जाये, तो मरीज की जान बच सकती है। इसमें प्रमुख रूप से एबीसी यानी एयरवे ब्राीथिंग व सर्कुलेशन होता है। यह जानकारी ट्रामा सर्जरी विभाग प्रमुख तथा ट्रामा सेंटर प्रभारी प्रो.संदीप तिवारी ने शुक्रवार को कलाम सेंटर में इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग द्वारा आयोजित तीसरे वार्षिक समारोह में दी। समारोह में रीसेंट एमेलिओरेशन ऑफ फस्ट ऐड पर आयोजित कार्यशाला में कई विशेषज्ञों ने प्राथमिक चिकित्सा के बारे में बताया।
प्रो. तिवारी ने कहा कि मरीज की तत्कालीन हालत देख कर प्राथमिक इलाज दिया जाना चाहिए। यदि मरीज बेहोश है और उसकी सांस चल रही हो या सांस लेने में परेशानी हो रही हो तो उसे आक्सीजन लगा सकते हैं। यदि उसके किसी अंग से खून बह रहा हो उसे दबा कर पट्टी बांधना चाहिए। यदि मरीज बेहोश है और उसे उल्टी आ रही है तो तत्काल रिकवरी पोजीशन में लिटा देना चाहिए। इसके अलावा यदि मरीज बेहोश है और उसे सांस भी नहीं आ रही है,तो तत्काल सीपीआर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही एम्बुलेंस मंगाना चाहिए।
इस अवसर पर डा. समीर गुप्ता ने बताया कि किसी भी केजुअल्टी या दुर्घटना में पहले आधे घंटे काफी महत्वपूर्ण होते है। ऐसी परिस्थिति में अगर मरीजों को सही फस्र्ट एड मिल जाए तो उनके बचने की संभावना बढ़ जाती है। कार्यशाला में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. एके सिंह ने भी बर्न के मरीजों का प्राथमिक इलाज पर जानकारी दी।
कार्यशाला में प्रो. मधुमति गोयल ने कहा कि नर्सिंग प्रोफेशनल्स ऐसे लोग होते हैं जिनको किसी भी आकस्मिक दुर्घटना आदि के मरीजो को सबसे पहले फस्र्ट ऐड देना पड़ता है इसलिए नर्सिंग प्रोफेशनल को फस्र्ट एड के विभिन्न आयामों एवं इसमें हो रहे विभिन्न अपडेट को जानना अति आवश्यक है।
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