लखनऊ। अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीज के लिए ब्लड महत्वपूर्ण हो जाता है, ब्लड यूनिट लेने जाने से पहले मरीज के तीमारदार यह अवश्य चर्चा करते है कि सुरक्षित ब्लड कौन से ब्लड बैक से लाया जाए। वर्तमान में न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (नेट) से जांच किया गया ब्लड मरीज के लिए सुरक्षित कहा जाता है। वर्तमान में प्रदेश के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्लड बैंक के अलावा कुछ चुनिंदा चिकित्सा संस्थान में ही नेट की जांच का ब्लड मौजूद है। मरीज के लिए सुरक्षित ब्लड आवश्यक हो गया है। इस पर इससे जुड़े लोगों के बीच चर्चा आवश्यक हो गयी है। इसी लिए सुरक्षित ब्लड समय की मांग विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग की प्रमुख डा. तूलिका चंद्रा ने दी।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के विशेषज्ञ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र के ब्लड बैंकों पर चर्चा की जाएगी कि वहां पर भी नेट की जांच कितनी महत्वपूर्ण होती जा रही है। इस जांच के बाद हेपेटाइटिस, एचआईवी वन व टू के अलावा अन्य गहन बीमारियां जो कि आम तौर पर जांच में नहीं पकड़ में आती है। नेट की जांच में पकड़ी जाती है। इस लिए यह ब्लड यूनिट सुरक्षित कहलाता है।
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