लखनऊ। सरकार की ई- फार्मेसी की योजना के तहत दवाओं की बिक्री के अलावा मरीज के हित में नहीं है। यही नहीं यह योजना दवा व्यापारियों के लिए मुश्किलें बढ़ा रही है। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के संरक्षक गिरिराज रस्तोगी और महामंत्री सुरेश गुप्ता ने सोमवार को जिमखाना क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में समस्याओं की जानकारी दी आैर कहा है कि ई-फार्मेसी के विरोध में 28 सितम्बर को भारत बंद का आह्वान किया गया है।
महामंत्री सुरेश गुप्ता ने कहा कि क्या सरकार बतायेगी कि आपातकालीन स्थिति में ऑनलाइन दवा मरीज को सही समय से कैसे मिल सकेगी। इसके अलावा क्या नशे के तौर पर प्रयोग की जाने वाली दवाओं की उपलब्धता नशे की आदी व्यक्ति को आसानी से नहीं हो जायेगी। उन्होंने कहा कि दाम निर्धारण के लिए दवा व्यापारियों के लिए बने नियम ऑनलाइन दुकानों के लिए क्यों नहीं लागू किये गये। अगर डॉक्टर ने दवा इलाज के दौरान दवा बदल दी या दवा बच गयी तो क्या उसे बदलने या वापस करने की सुविधा ई – फार्मेसी में मिलेगी। दवा व्यापारियों ने सरकार के समक्ष रखते है आैर ई-फार्मेसी के विरोध में 28 सितम्बर को भारत बंद का आह्वान किया है।
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के संरक्षक गिरिराज रस्तोगी ने कहा कि दवा व्यापारियों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी ई-फार्मेसी उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि दरअसल इस तरह की नीतियों को लागू करते समय सरकार को चाहिये कि सम्बन्धित क्षेत्र के विशेषज्ञों की राय भी लेनी चाहिये, इससे लाभ यह होगा कि जो व्यावहारिक कठिनाइयां नीतियां लागू करने में आ सकती हैं, उनका हल पहले से ही खोजा जा सकेगा। पत्रकार वार्ता में प्रवक्ता विकास रस्तोगी ने कहा कि दवा व्यापारियांें की समस्याओं को लगातार अनदेखा करा जा रहा है। जब कि दवा व्यापारी हर स्तर पर नियमों का पालन करता है।
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