देश में बंद हो बीड़ी, सिगरेट

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लखनऊ। बीड़ी व सिगरेट में सात हजार विषैले तत्व पाये जाते है तथा इनमें से पचास तत्व ऐसे होते है, जो कि कैंसर कारक माने जाते है। तम्बाकू सेवन, जिसके कारण 40 तरह के कैंसर होने की सम्भावना होती है, इसे अपने देश में पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित कर देना चाहिये। उनके इस प्रस्ताव को मीटिंग में सर्व सम्मति से पारित किया एवं इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री तक पहुचाने की बात की गयी। रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकान्त रविवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटफिक कनवेंशन सेंटर में फेफड़े के कैंसर की 10वी दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में कही। रविवार को संगोष्ठी के मुख्य अतिथि न्याय एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री बृजेश पाठक थे।

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संगोष्ठी में डा. सूर्यकान्त ने बताया कि भारत में 20 प्रतिशत फेफड़े के कैंसर का कारण वायु प्रदूषण है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण पीएम 2.5, पीएम 10 सल्फरडाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसे विषैले तत्व पाये जाते है, जिसके कारण फेफडे के कैंसर की सम्भावना बढ़ जाती है। डा. सूर्यकान्त ने कहा कि बीड़ी व सिगरट में 7 हजार विषैले तत्व पाये जाते है तथा इनमें से 50 तत्व ऐसे होते है, जो कि कैंसर कारक माने जाते है। इस संगोष्ठी में सम्मिलित इण्डियन सोसाइटी फार स्टडी ऑफ लंग कैंसर (आईएसएसएलसी) की जनरल बाडी मीटिंग में डा. सूर्यकान्त ने प्रस्ताव रखा कि तम्बाकू सेवन, जिसके कारण 40 तरह के कैंसर होने की सम्भावना होती है, इसे भारत देश में पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित कर देना चाहिये। उनके इस प्रस्ताव को मीटिंग में सर्व सम्मति से पारित किया एवं इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री तक पहुचाने की बात की गयी।

संगोष्ठी के समापन सत्र के मुख्य अतिथि बृजेश पाठक न्याय एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत मिशन तथा अयुष्मान भारत योजना के माध्यम से गरीब रोगियों के स्वस्थ्य में सुधार करने की कोशिश कर रही है । इसके अलावा लंग कैंसर की संस्था द्वारा जो भी सुझाव आयेंगें उनको रोगियों के हित में लागू किया जायेगा। डाक्टरों की इस पहल पर पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगें। समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थिति सैफई यूपीएमएस के कु लपति डा. राज कुमार ने कहा कि अगर बीड़ी, सिगरेट व तम्बाकू पर प्रतिबन्ध लगता है ,तो देश से 40 प्रतिशत कैंसर की समस्या दूर हो जायेगी। समापन सत्र के अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान, जोधपुर के निदेशक डा. संजीव मिश्रा (कैंसर सर्जन) ने कहा कैंसर के रोगियों का निदान प्ररम्भिक अवस्था में नहीं हो पाता है, जिससे की उनकी कैंसर सर्जरी नही हो पाती है क्योंकि कैंसर सर्जरी फेफड़े के कैंसर की दो प्ररम्भिक अवस्थाओं में ही की जा सकती है। लंग कैंसर संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पीजीआई, चण्डीगढ़ से डा. दिगम्बर बेहरा ने संस्था के द्वारा कैंसर के क्षेत्र में किये जा रहें कार्यों की जानकारी दी। समापन सत्र के अवसर पर संगोष्ठी में आयोजित यंग सांइटिस्ट अवार्ड एवं पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार दिया गया।

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