दबाव बना तो भेजे गये पीजीआई कोठारी

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लखनऊ। पिछले तीन महीने से किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भर्ती रहकर इलाज करा रहे रोटोमैक कंपनी के चेयरमैन विक्रम कोठारी को सोमवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान में भर्ती करा दिया गया। हालांकि हजारों करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में जेल में बंद विक्रम कोठारी को शाम तक वार्ड में शिफ्ट न होकर इमरजेंसी में इलाज शुरू कर दिया गया था।

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केजीएमयू में पिछले तीन महीने से न्यूरो सर्जरी में भर्ती करके रोटोमैक कंपनी के चेयरमैन विक्रम कोठारी का इलाज किया जा रहा था। केजीएमयू प्रशासन का दावा था कि डाक्टरों की कमेटी बनाकर उसका इलाज किया था, विशेषज्ञों का दावा था कि उसको डायबटीज, न्यूरो सहित कई अन्य मल्टीपल दिक्कत बनी हुई थी। इसके बाद भी तीन महीने तक विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम ने उसका इलाज करते हुए कोई रिजल्ट नहीं दिया। विशेषज्ञों का दावा था कि कोठारी की सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा था आैर किसी अन्य बड़े चिकित्सा संस्थान में इलाज कराया जाए।

इसकी जानकारी केजीएमयू प्रशासन ने जेल प्रशासन को दे दिया था। तीन महीने से न्यूरो सर्जरी में इलाज किये जाने पर चर्चा होने पर आनन-फानन में उन्हें पीजीआई शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। सोमवार को कोठारी को पीजीआई इलाज के लिए शिफ्ट किया गया, पीजीआई में पहले इमरजेंसी में भर्ती किया गया। देर शाम तक कोठारी का इमरजेंसी में स्ट्रेचर पर इलाज किया जा रहा था। पीजीआई प्रशासन का तर्क था कि जल्द ही बीमारी को देखते हुए उन्हें वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा।

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