लखनऊ। गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया संस्थान में नॉट फॉर सेल की दवाओं बेचने का गिरोह सक्रिं य है। यहां पर नॉट फाल सेल की दवाओं की बेच दिया जा रहा है। यह दवाएं काउंटर से बेची जा रही है। मजे बात यह है कि इन दवाओं पर कोई दाम दर्ज नही है, फिर बिल मरीजो को दिये जा रहे है। लापरवाही का खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। फिलहाल नॉट फॉर सेल की दवा आपूर्ति के मामले में संस्थान के जिम्मेदार अधिकारियों ने ही कंपनी को नोटिस जारी कर दी है। इसके साथ ही नॉट फॉर सेल की मुहर न लगाने के निर्देश दिए हैं, जबकि बताया जाता है कि कई तीमारदारों ने जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
लोहिया संस्थान परिसर एचआरएफ (हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड) के मेडिकल स्टोर हैं। इनमें मरीजों को 50 से 60 प्रतिशत कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध करायी जाती हैं। संस्थान के परिसर स्थित स्टोर से रोजाना दो हजार से ज्यादा मरीज दवाओं की खरीददारी कर रहे हैं।
लंबे समय से दर्द में प्रयोग की जाने वाली एक जेल की लगातार बिक्री हो रही है, लेकिन इस जेल के रैपर पर नॉट फॉर सेल की मुहर लगी हुई है। आश्चर्य की बात यह भी है कि दवा की बिक्री के लिए नॉट फॉर सेल की ऊपर लोहिया संस्थान की मुहर लगी है। शिकायत के अनुसार इसका बैच नम्बर एल 9052 है। इसकी बिक्री पर एक मरीज ने आपत्ति दर्ज कराई। इस दवा की बिक्री की दवा का भंडाफोड़ होने पर जिम्मेदार अफसरों ने संबंधित बैच के जेल की बिक्री पर आनन-फानन पर रोक लगा दी। जब कंपनी ने नॉट फॉर सेल की दवाएं भेजी, तो इस पर संस्थान की मुहर किसने लगा दी। यह मुहर उसी स्थान पर क्यों लगाई गयी। जहां नॉट फॉर सेल लिखा था। वहीं नॉट फॉर सेल की दवा की बिक्री के समय दाम कैसे निर्धारित कर दिये गये आैर बिल काट कर मरीजों को दे भी दिये गये।
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