लखनऊ। संजयगांधी पीजीआई में मॉलिक्यूलर मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने पहला रैपिड आरएनए बेस्ड आधारित परीक्षण विकसित किया है। डाक्टरों का दावा है कि यह रैपिड कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने में तीस मिनट से भी कम समय लेता है। उनका दावा है कि अब तक का सबसे तेज़ परीक्षण करने वाली आरएनए बेस्ड रैपिड किट है।
विभाग की प्रमुख व शोध टीम का नेतृत्व कर रही प्रो. स्वाति तिवारी ने बताया कि उनकी टीम ने एक कुशल तकनीक विकसित की है जो बहुत कम लागत पर सक्रिय कोविड -19 संक्रमण की जांच कर सकती है। उन्होंने बताया कि यह एक एकल-ट्यूब प्रयोगशाला परीक्षण है, जो प्रयोगशाला समय के 30 मिनट से कम समय लेता है और इसकी उच्च विशिष्टता और संवेदनशीलता होती है। परिणाम व्याख्या के लिए परीक्षण में परिष्कृत उपकरण या किसी विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं होती है। प्रो.तिवारी ने बताया कि यह प्रायोगिक परीक्षण अपडेट और इससे जुड़ा संबंधित डेटा हाल ही में एक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशन के लिए भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि खास बात यह है कि इस तकनीक का उपयोग करके कोरोना संक्रमित नमूनों के परीक्षण की प्रक्रिया चल रही है। प्रौद्योगिकी को उचित चैनल के माध्यम से व्यावसायीकरण के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है, लेकिन अभी सार्वजनिक रूप से उपयोग के लिए आईसीएमआर अनुमोदन की आवश्यकता होती है। इस बिंदु देखभाल कार्यक्रम का व्यापक स्क्रीनिंग पर सीधा प्रभाव पड़ेगा और विशेष रूप से अस्पतालों और हवाई अड्डों जैसे विभिन्न सेवा केंद्रों के स्क्रीनिंग, होल्डिंग क्षेत्रों में लोगों की जांच करने में फायदा करेगा।