न्यूज। सरकार ने कोरोना के इलाज एवं बचाव में काम आने वाली दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन” की अनिवार्य जरूरत को देखते हुये किसी भी आपात स्थिति में इसकी आपूर्ति को बहाल रखने के लिये इसकी बिक्री आैर वितरण को कानूनी नियंत्रण में लिया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना मे’ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन” को कोरोना के इलाज एवं बचाव में अनिवार्य जरूरत मानते हुये कहा गया है कि किसी भी प्रकार की संभावित आपात स्थिति को देखते हुये इसकी बिक्री आैर वितरण को कानून द्वारा नियंत्रित करना जरूरी हो गया है।
मंत्रालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि ‘ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन” की बिक्री आैर वितरण पर कानूनी नियंत्रण गुरुवार को अधिसूचना जारी होने के साथ ही लागू हो गया है।
अधिसूचना के अनुसार ”केन्द्र सरकार का यह समाधान हो गया है कि ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन” आैषधि महामारी कोविड-19 के कारण उत्पन्न होने वाली आपातकालीन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये आवश्यक है।””
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि लोकहित में ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन” आैर इससे बनने वाले अन्य आैषधीय उत्पादों के विक्रय एवं वितरण को नियंत्रित करने के लिये ‘खुदरा बिक्री आैषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945″ के तहत निर्दिष्ट शर्तों के दायरे में लाया गया है। इसका मकसद इस दवा की बिक्री एवं वितरण संबंधी दुरुपयोग को रोकना है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना के संदिग्ध एवं संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे चिकित्साकर्मियों के लिये भी ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन” दवा के इस्तेमाल को बचाव के लिये जरूरी बताया है।
सरकार ने आपात स्थिति में इस दवा की आपूर्ति को बरकरार रखने के लिये आईसीएमआर द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत भारत के आैषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) की अनुशंसा पर इस दवा के वितरण आैर बिक्री को नियंत्रित करने का फैसला किया है।
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