लखनऊ – किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में रेडियोथेरेपी विभाग के डाक्टर पर गलत इलाज करने का आरोप लगा है। मरीज के तीमारदार का आरोेप है कि उन्हें बीमारी को लेकर भ्रम में रखा गया और निजी पैथालॉजी से जांच करायी गयी। इसके बाद भी उसे सही जानकारी नहीं दी गयी। इलाज कैसर का हो रहा था और बाद में खराब किडनी बतायी गयी। शुरु में तीमारदार को फटकार लगातर भगा दिया गया। केजीएमयू में कोई सुनवाई न होने पर मुख्यमंत्री से शिकायत की गयी। इसके बाद जांच कमेटी बनाकर इतिश्री कर ली गयी है।
बताते चले कि प्रतापगढ़ जिले केवीरसिंहपुर निवासी कर्मवीर का आरोप है कि उनकी मां को एडिनोकार्सीनामा कैंसर हुआ था। मां रमापति को नौ अप्रैल 2018 को रेडियोथेरेपी विभाग की प्रो. कीर्ति श्रीवास्तव को इलाज के लिए दिखाया गया। जांच के बाद डाक्टर की निगरानी में कीमोथिरेपी होती रही। तीमारदार का आरोप है कि डा. कीर्ति ने काफी दवाएं बाहर से मंगवाई गयी। यही नही मरीज की जांच भी केजीएमयू केबजाय निजी जांच केंद्रों से कराने के लिए कहा गया। इलाज में खेत गिरवी रख दिए गए। डा. कीर्ति के जूनियर डा. अविनाश व अन्य ने उन्हें बताया कि कैंसर ठीक हो रहा है।
14 फरवरी को घर भेज दिया। इसके बाद मरीज की तबीतय बिगड़ने पर 27 फरवरी को फिर डा. कीर्ति को दिखाने पहुंचा। उसे भर्ती करके अन्य डाक्टरों को जांच रिपोर्ट दिखाई तो पता चला कि मरीज की किडनी खराब निकली। शिकायतकर्ता का आरोप हैकि उसने डा. कीर्ति से पूछा कि आप लोगों ने किडनी के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी तो उनके जूनियर ने डायलिसिस कराने की सलाह दी। तीन मार्च को जांच कराने पर बताया गया कि हेपेटाइटिस बी और सी भी हो चुका है। किसी तरह डायलिसिस कराने के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया है, लेकिन इलाज नहीं किया जा रहा है। तीमारदार का आरोप है कि अब उनकी मरीज को न्यूरो विभाग में भेज दिया गया है।
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