लखनऊ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बाबूओं के बेअंदाजी के आगे स्वास्थ्य अधिकारी नतमस्तक हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायत जाने के बाद भी बाबुओं पर कार्रवाई करने में हिचक रहे है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल पास करने के लिए घूस मांगने के आरोपी बाबू ( कर्मचारी)के खिलाफ अधिकारियों ने मौखिक जांच के आदेश तो दिए, लेकिन जांच कमेटी नहीं बनायी। फौरीतौर पर बाबू का पटल बदलकर खानापूर्ति कर दी गयी। खास बात यह है कि बाबू हर दिन दो बजे बाद अपनी सीट पर बैठता है। इसकी शिकायत भी चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए परिक्रमा कर रहे लोगों ने सीएमओ कार्यालय में दर्ज करायी है।
बताते चले कि कृषि विभाग में उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी शरद कुमार श्रीवास्तव रिटायर हो चुके हैं। बुजुर्ग शरद कुमार बीते दिनों सीएमओ कार्यालय में सीएमओ से मुलाकात की। सीएमओ के सामने बुजुर्ग शरद कुमार ने रुंधे गले से अपनी परेशानी बतायी। उन्होंने चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति का काम देख रहे बाबू के कारनामों का खुलासा किया। शरद कुमार ने बताया कि उन्होंने प्रतिपूर्ति के बाउचर्स करीब 75 हजार रुपए के पेपर जमा किए, लंबे वक्त तक प्रतिपूर्ति पास करने के नाम पर आरोपी बाबू दौड़ाता रह।
जब उन्होंने बाबू से अनुरोध किया तो आरोप है सीधे प्रतिपूर्ति बिलों में से दस प्रतिशत धनराशि की मांग की। जब उन्होंने रुपए देने से मना कर किया तो आरोपी बाबू ने परिक्रमा कराना शुरू कराया था। इसी तरह रिटायर्ड कर्मचारी सुरेंद्र कुमार आरोप है, उनके 95 हजार रुपए बिल के लिए चार बार बिना काम के बुलाया गया। उनका आरोप है कि दोपहर दो बजे के बाद ही बाबू अपनी सीट पर मिलता था।
उससे पहले कार्यालय में नहीं मिलता है। जिम्मेदारी स्वास्थ्य अधिकारी भी कुछ नहीं कर पाते है। बेअंदाज बाबू की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय तक की गयी है। आरोप है बाबू तय समय पर कार्यालय न आकर दोपहर दो बजे बाद ही पहुंचता है। कुछ घंटे बाद फिर निकल जाता है। इसका पूरा रिकार्ड सीएमओ कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हैं। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का दावा है कि शिकायत पर बाबू का पटल बदला गया है। बताया आफिस में देरी आने को लेकर बाबू को नोटिस देकर मांगा गया है।