लखनऊ। सिविल अस्पताल की आयुष ओपीडी में डाक्टर की गैर मौजूदगी के चलते कई मरीज बिना उपचार कराये लौट गये। वह कब आएंगे, इसका जवाब कोई देने वाला नहीं था। कोई सूचना भी नहीं चस्पा थी कि डाक्टर कब छुट्टी पर हैं जबकि इस ओपीडी में आयुर्वेद, यूनानी आैर योग विशेषज्ञ की तैनाती है। इस व्यवस्था से नाराज कई मरीज होकर अस्पताल प्रशासन के पास शिकायत करने पहंुचे, लेकिन अधिकारी किसी मीटिंग में व्यस्त होने के कारण उनसे शिकायत नहीं कर पाए।
जानकार बताते हैं कि ओपीडी से डाक्टरों के नादारद होने का यह पहला मामला नहीं है –
पंद्रह दिन पूर्व भी जब ओपीडी में डाक्टर नहीं मिले तो मरीजों ने हंगामा किया था। जब बात अस्पताल प्रशासन के पास पहुंची तो व्यवस्था पटरी पर आयी, लेकिन इस ओपीडी संचालन के अधिकार मुख्य चिकित्साधिकारी के पास निहित हैं, इसलिए अस्पताल प्रशासन सिर्फ मानीटरिंग तक ही सीमित रहता है। चिकित्सा अधीक्षक डा. आशुतोष दुबे ने बताया कि पूरे मामले की पड़ताल करने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया दे पाएंगे।