लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में तकनीकी त्रुटि के कारण रेजीडेंट डाक्टर्स व कर्मचारियों पर करोड़ों रुपये की उधारी हो गयी है। आयुष्मान योजना के तहत मरीजों के इमरजेंसी इलाज में हुए इस त्रुटि का खुलासा नो ड्यूज कराते वक्त रेजीडेंट डाक्टर को पता चली तो होश फाख्ता हो गये। आनन-फानन में रेजीडेंट व कर्मचारियों ने जब अपना खाता चेक किया, तो ज्यादातर लाखों- करोड़ों रुपये के उधार लिये हुए थे। अब सभी ने उधार मुक्त होने के लिए वित्त विभाग व कुलपति कार्यालय की परिक्रमा करनी शुरु कर दी है।
आयुष्मान योजना के तहत भर्ती होने वाले मरीजों का इलाज में जांच व अन्य खर्च रेजीडेंट डाक्टर्स के खाते में जुड़ जाता है। ताकि मरीज का तत्काल इलाज किया जा सके। इसके बाद नियमानुसार वित्त विभाग से जब योजना के तहत इलाज का रुपया स्वीकृत हो जाता है तो खाते से एडजस्ट हो जाता है आैर रेजीडेंट व कर्मचारी पर कोई उधार नहीं रहता है, लेकिन केजीएमयू में वित्त विभाग व अन्य विभागों की लापरवाही के कारण विभिन्न विभागों के रेजीडेंट डाक्टर व कर्मचारियों पर करोड़ों रुपया बकाया हो गया है। कुछ रेजीडेंट डाक्टर्स पर नो ड¬ूज होने पर जांच की गयी तो पता चला कि रेजीडेंट डाक्टर्स व कर्मचारियों पर लगभग एक करोड़ बीस लाख रुपया बकाया चल रहा है। बताया जाता है कि ज्यादातर रेजीडेंट डाक्टर्स व कर्मचारी वित्त विभाग, कुलसचिव व कुलपति कार्यालय की परिक्रमा करने लगे है।
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