लखनऊ। पेट में बालों का गुच्छा छोटी आंत में फंस कर युवती की जान पर बन गया, लेकिन किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग ने वरिष्ठ सर्जन डा. अरशद व उनकी टीम ने इन बालों का गुच्छा निकालकर उसे जीवनदान दिया है। पेट में बालों के गुच्छे ने छोटी अंात में छेद तक कर दिया था आैर उसकी जान बन आयी थी। डा. अरशद ने बताया कि अक्सर मानसिक रूप से परेशान व छोटे बच्चे बालों को खा लेते है जो कि उनके लिए जानलेवा बन सकते है।
बाल पेट में पच नही पाता है – डा. अरशद
यह पेट में जमा रहता है आैर बड़ी आंत से छोटी आंत तक बढ़ता रहता है। उन्होंने बताया कि अम्बेडर नगर निवासी ललिता (25) को शनिवार को परिजनों ने ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। वह कुछ भी खाने पीने में असमर्थ थी। इसके साथ ही उसे पेट दर्द से भी होने लगा था।। भर्ती कराने के बाद जब अल्ट्रासाउंड व अन्य जांच करायी गयी तो उसके पेट में बालों का गुच्छा पाया गया। छोटी भी डेमेज लग रही थी, जल्द से जल्द आपरेशन करने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि बालों खाने को रिप्रोजंल सिड्रोंम आैर इस बीमारी को ट्राइकोविजार कहते है।
बालों को लगातार खाने पर आंतों में सूजन आ जाती है आैर भूख कम लगती है। इसके साथ ही पेट में दर्द भी होता रहता है। उन्होंने बताया कि युवती को भर्ती करने के बाद पेट से बालों को गुच्छा निकाला गया आैर छोटी आंत में कई जगह पर छेद हो गया था। उसमें टांके लगा कर सिला गया। उन्होंने बताया कि लम्बे होकर छोटी आंत तक पहुंच गये थे आैर दबाव बनने के कारण कड़े होकर छेद कर दिये थे। उनके साथ इस टीम में डा. संजीव, डा. जितेद्र, डा. सपना, डा.अंकित गंगवार व डा. दिलीप भी शामिल थे।