लोहिया संस्थान : कैरोटिड आरटरी स्टेंटिंग करने वाला प्रदेश का पहला संस्थान

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लखनऊ। गोमती नगर के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ डाक्टरों ने प्रयागराज के मिठाई लाल (66) का जटिल सर्जरी कर नया जीवन दिया है। इन बुजुर्ग को दो बार लकवा की शिकायत हुई और धमनी 80 फीसदी ब्लॉक थी। इस बीमारी को कैरोटिड स्टेनोसिस कहते हैं। इस धमनी के ब्लॉकेज को न खोलने पर मरीज के लकवे के बढने व मृत्यु का भी खतरा था। इस प्रकार कैरोटिड आरटरी स्टेंटिंग करने वाला प्रदेश का पहला संस्थान लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान बन गया है।

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संस्थान के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. दीपक कुमार सिंह ने बताया कि मिठाई लाल चार माह से कैरोटिड स्टेनोसिस से पीड़ित मिठाई लाल को लकवा पड़ा। उनका इलाज चल रहा था। एक माह पहले उन्हें फिर से लकवा पड़ गया। जांच में इस बीमारी का पता चला। इसमें दिमाग को खून ले जाने वाली मुख्य कैरोटिड धमनी 80 फीसदी से ज्यादा ब्लॉक हो गई थी। इस ब्लॉकेज को न खोलने से मरीज के लकवे के बढ़ने और मौत होने का अधिक खतरा था। ऑपरेशन के तुरंत बाद मरीज के बोलने में सुधार हुआ।

इस जटिल ऑपरेशन को डॉ. दीपक के अलावा डॉ. कुलदीप यादव, डॉ. मो. कैफ, डॉ. राकेश सिंह, एनेस्थीसिया से डॉ. दीपक मालवीयन, डॉ. पीके दास, डॉ. अनुराग अग्रवाल शामिल रहे। बताते चले कि कैरोटिड आरटरी स्टेनोसिस उम्र बढने के साथ होने वाली एक आम समस्या हैं, जिसकी वजह से मरीजों को लकवे का खतरा बना रहता है। 70 प्रतिशत ब्लॉकेज तक मरीज दवाईयो से कन्ट्रोल में रहते है, परन्तु ब्लॉकेज अधिक होने पर मरीज को तुरन्त अनुभवी डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। 70 प्रतिशत से ज्यादा ब्लॅाकेज को सर्जरी करके अथवा स्टेंट डाल कर मरीज को लाभ पहुचाया जा सकता है इस बीमारी से पीड़ित ज्यादा तर मरीज अधिक उम्र के होते है तथा उनमे ओपेन सर्जरी कर पाना सम्भव नहीं होता। अतः उन मरीजों में स्टेंट डाल कर मरीज को अगले दिन ही छुट्टी दे दी जाती हैं। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोसर्जरी विभाग में इन मरीजों के ओपेन सर्जरी एवं स्टेंटिंग दोनों की सुविघा उपलब्ध हैं।

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