लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में एक संदिग्ध मरीज की मौत के बाद तथा दो मरीज क्रिटकल केयर यूनिट में गंभीर हालत में भर्ती होने के बाद कैंडिडा आरिस को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। क्रिटकल केयर यूनिट के एक भाग में मरीजों की भर्ती अभी भी बंद है। केजीएमयू के बाद डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान तथा अन्य सरकारी अस्पतालों की आईसीयू के डाक्टरों, पैरामेडिकल व कर्मचारियों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया है। अब केजीएमयू में आईसीयू में आने वाले हर मरीज की कैंडिडा आरिस की जांच की जाएगी। केजीएमयू के प्रवक्ता डा. संदीप तिवारी का कहना है कि बीतीरात मृत मरीज में सोमवार को कैडिडा फंगस की जांच में पुष्टि नहीं हुई थी।
केजीएमयू में खतरनाक फंगस कैंडिडा आरिस से पीड़ित तीन मरीजों में एक संदिग्ध मरीज की मौत हो गई है। इसके बाद केजीएमयू के जिम्मेदार अधिकारी हरकत में आ गये है। आईसीयू में कार्यरत सभी डाक्टरों, पैरामेडिकल तथा कर्मचारियों को इस फंगस के लक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। मरीजों का इलाज करने वाली टीम को मास्क प्रयोग करने, ग्लब्स लगाने का निर्देश दिया गया है। यही नहीं ट्रामा क्रिटकल केयर यूनिट में कैंडिडा आरिस से प्रभावित मरीजों की देखरेख लगे कर्मचारियों के भी ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।
ट्रामा वेंटीलेटर यूनिट प्रभारी डा. जीपी सिंह ने बताया कि मरीजों की मौत के बाद चिकित्साकर्मियों की स्क्रीनिंग कराई गई है। यह रिपोर्ट अगले सप्ताह तक आ जाएगी। उनका मानना है कि फंगस का असर कमजोर इम्यून सिस्टम वालों में होता है। चिकित्साकमियों को खतरा नहीं है। फिर भी सावधानी हर स्तर पर बरती जा रही है। इसके अलावा गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रशासन ने भी कैडिडा आरिस के प्रति सावधानी बरतने के लिए निर्देश दिये है। मीडिया प्रभारी डा. विक्रम सिंह ने बताया कि निदेशक प्रोफेसर एके त्रिपाठी ने सभी विभाग प्रमुखों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। हालांकि अभी तक कैंडिडा आरिस के लक्षण किसी मरीज में नहीं पाए गए हैं।
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