कैंसर की प्राथमिक जांच करने वाली किट जल्द बाजार में

0
754
streaming blood

लखनऊ – ओरल कैंसर एवं प्री – कैसर की जांच के लिए किट जल्द ही बाजार में मौजूद होगी। इस किट पर अंतिम चरण में शोध चल रहा है। यह जानकारी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र परमार ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दंत संकाय के ओरल सर्जरी विभाग, ओरल मेडिसिन विभाग एवं ओरल पैथालॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में तृतीय अंतर्राष्ट्रीय ओरल कैंसर एवं प्री कैंसर बायोमार्कर एंड टेक्नोलोजिक इन ट्रीटमेंट विषय पर आयोजित कार्यशाला में दी। कार्यशाला में तीसरे एवं अंतिम दिन नायर डेंटल कॉलेज, मुम्बई के डॉ. राजीव देसाई, नेशनल इंस्ट्ीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के डॉ. निलेश पर्धे सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों ने ओरल प्री-कैंसर एवं कैंसर के शोधों पर व्याख्यान दिया।

Advertisement

डॉ. परमार ने कहा कि वह अपने शोध साइडोक्रोम पी-450 पर पर विवरण देते हुए कहा कि वह ओरल कैंसर एवं प्री-कैंसर के होने से पहले वाली किट के निर्माण की ओर अग्रसित है। इस शोध के लिए डॉ. परमार ने केजीएमयू ओरल मैक्सिलोफेशियल विभाग आचार्य डॉ. दिव्या मेहरोत्रा व रिसर्च साइंटिस्ट, डीएचआर, एमआरयू लैब, केजीएमयू के डॉ. राहुल पाण्डेय का आभार व्यक्त किया और बताया कि शोध के दो पत्र इस शोध पर सम्मानित अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुका है। इससे ओरल कैंसर एवं प्री-कैंसर के उपचार में भी नमाचार होगा।

बाजार में इस किट के आने के बाद कैंसर की पहचान की जा सकेगी। ओरल कैंसर के विशेषज्ञ डा. यूएस पाल ने बताया कि ओरल कैंसर की पहचान या लक्षण मिलने पर विशेषज्ञ की सलाह पर सर्जरी कराना ही सबसे बेहतर है। उन्होंने बताया कि बायोप्सी जांच में कैंसर की पहचान स्पष्ट हो जाती है। इस बाद अन्य सभी विशेषज्ञ सर्जन्स की माने तो लम्बे इलाज की बजाय सर्जरी करके उस बाद को निकाल देना चाहिए। सबसे बेहतर व मान्य इलाज है।

इस अवसर पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्रााउन हॉल में पहली इनोवेशन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य मेडिकल कॉलेज के छात्रों एवं डॉक्टरों को उद्यमिता के प्रति जागरूक करना है। इस संगोष्ठी में भारतीय विश्व विज्ञान अनुसंधान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पार्धा सार्थी ने बताया कि उनके संस्थान में बायो इक्यूबरेटर की स्थापना की गई है, जिसका उपयोग नए चिकित्सा छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्य कर सकते है।

आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र डॉ. विवेक गोड ने बताया कि किसी भी नए विचार जिसमें फंडिंग करने की आवश्यकता है उसमें इनकी कंपनी द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र रवीश रतलाम ने स्वास्थ्य क्षेत्र में किस प्रकार की कंपनियों का निर्माण किया जाए उसपर जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन समारोह युवा प्रतिभागियों द्वारा दिए गए व्याख्यानों पर समाप्त हुआ। इस अवसर पर नौ चिकित्सकों को महत्वपूर्ण शोध के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की संयोजिका प्रो दिव्या मेहरोत्रा ने चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय ओरल कैंसर एवं प्री कैंसर कांग्रेस का आयोजन 2021 में कराने की उद्घोषणा की।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleमंत्रोच्चार व शंखध्वनी के बीच उगते सूर्य को अर्घ्य देकर नव संवत्सर का स्वागत
Next articleकई जटिल बीमारियां बता देती है अल्ट्रासाउंड जांच

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here