लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में बृहस्पतिवार को डॉक्टरों की लापरवाही से महिला मरीज की जान चली गई। आरोप है इमरजेंसी से बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के महिला मरीज को मेडिसिन विभाग भेजा गया। वहां पहुंच कर इलाज शुरू हो पाता कि महिला मरीज की मौत हो गई। मेडिसिन विभाग के जूनियर डॉक्टरों ने तीमारदारों को फटकार लगायी कि ऑक्सीजन सपोर्ट पर महिला मरीज को लाने के लिए कहा गया थ। इतना सुनना था कि तीमारदार भड़क उठे और इमरजेंसी पहुंच कर डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर बवाल मचा दिया। शिकायत के आधार पर मामले की जांच कराने का दावा किया है।
ठाकुरगंज बालागंज की रहने वाली महिला मरीज मुन्नी देवी (35) का लॉरी कार्डिंयोलॉजी से दो माह से इलाज हो रहा था। परिजनों के अनुसार आज सुबह करीब आठ बजे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो लगी। कार्डियक दिक्कत समझ कर परिजन लॉरी महिला मरीज को लेकर आ गये। जहां पर ईसीजी समेत अन्य जांच कराने पर सभी जांच रिपोर्ट सामान्य आयी, तो मरीज ट्रॉमा सेंटर भेजा दिया। पति पप्पू का आरोप है कि ट्रामा सेंटर में पहले पर्चा बनवाने में करीब आधा घंटा बीत गया। इसके बाद मरीज को इमरजेंसी में महिला मरीज का उपचार शुरू हो हुआ। वहां मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। यहां से जूनियर डॉक्टरों ने मरीज को ट्रॉमा के दूसरे तल पर स्थित मेडिसिन विभाग रेफर कर दिया। वहां पहुंचते-पहुंचते महिला मरीज की सांसे उखड़ने लगी। मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों ने महिला को सीपीआर करके सांस वापस लौटाने की काफी देर तक कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
इसके बाद डॉक्टरों ने तीमारदारों से कहा कि जब सांस उखड़ रही थी, तो महिला मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर लाने के लिए कहा गया था। इस पर तीमारदारों ने इमरजेंसी से ऑक्सीजन सिलेंडर न दिए जाने की बात कही। मौत का कारण समझ में आने पर आक्रोशित तीमारदारों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर बवाल मचा दिया। सुरक्षा गार्डो ने किसी तरह मामले को सम्हाला आैर उन सब को बाहर निकाला। इस बारे में ट्रामा सेंटर प्रभारी डा. संदीप तिवारी का कहना है कि अगर मरीज को आक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता थी तो क्यों नहीं दिया गया। इसकी जांच करायी जाएगी। जांच में दोषी पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
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