भर्ती के लिए भटकता रहा कोरोना मरीज, नहीं मिला बिस्तर, मौत

0
713

लखनऊ। राजधानी में कोरोना संक्रमित के गंभीर मरीजों को बिस्तर मिलना मुश्किल हो रहा है। कोरोना संक्रमण से गंभीर हालत में महिला मरीज की एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल बिस्तर तलाशते तलाशते ही उसकी मौत हो गई । परिजनों की परेशानी यहीं समाप्त नहीं हुई मौत के बाद शव वाहन के लिए 17 घंटे इंतजार करना पड़ा । इस दौरान प्रशासन के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद भी शव वाहन बड़ी मुश्किल से मिला। परिजनों ने शनिवार शाम महिला का कोरोना गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

Advertisement

गोमती नगर निवासी 57 वर्षीय महिला की तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने डॉक्टरों की सलाह पर कोरोना संक्रमण की होने पर जांच कराई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर 16 जुलाई को लोक बंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताते हैं कि शुक्रवार दोपहर बाद महिला मरीज की हालत दिखाने लगी। मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। लोकबंधु अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज को पीजीआई या केजीएमयू ले जाने का परामर्श दिया। महिला मरीज को पहले पीजीआई रेफर करने की पाप की गई ,लेकिन वहां बिस्तर नहीं मिलने पर केजीएमयू भेजा गया। केजीएमयू में भी बिस्तर खाली ना होने पर मरीज भर्ती नहीं हो पाया। बताते हैं कि इस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एरा मेडिकल कॉलेज भेजने का निर्णय लिया । रात करीब आठ बजे बजे एरा मेडिकल कॉलेज पहुंचे पर महिला मोदी की मौत हो गई।

ऐसे में एरा मेडिकल कॉलेज की टीम ने प्राथमिक जांच कर होल्डिंग एरिया से ही लौटा दिया। मृतक महिला मरीज के परिजन संजय का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने लगातार की लापरवाही कर रहा था। समय पर सही इलाज नहीं मिलने की वजह से उनकी माता जी की मौत हो गई। आरोप है कि एरा मेडिकल कॉलेज की टीम ने शव को तत्काल को ले जाने के लिए कहा। मरीज को लेकर पहुंचा एंबुलेंस कर्मी ने कोरोना प्रोटोकॉल का हवाला देकर चले जाने से इंकार कर दिया। इस पर परिजनों ने सीएमओ कंट्रोल रूम और फिर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से संपर्क किया। सभी से आश्वासन मिला कि जल्द ही शव वाहन पहुंच जाएगा, लेकिन आधी रात तक शव वाहन नहीं पहुंचा तो जिला प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क किया गया। उनके निर्देश के बाद भी शव वाहन नहीं पहुंचा।

परिजन लगातार स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से संपर्क करके शव वाहन भेजने के लिए फरियाद करते रहे। लगातार अनुरोध करने के बाद भी शनिवार दोपहर बाद शव वाहन पहुंचा । परिजनों ने शाम को कोराना गाइड लाइन के अनुसार मृतक महिला का अंतिम संस्कार किया गया। मृतका के परिजन संजय का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और शव वाहन देने में की गई । इस कारण पूरा परिवार को मानसिक आघात में है। उनका दावा है कि इस पूरे प्रकरण की मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है। इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि हमारी कोशिश होती है कि जो भी संसाधन हो वह आवश्यकतानुसार मरीजों को तत्काल उपलब्ध कराया जा सके, लेकिन
शव वाहन तीन है। एक जगह से खाली होने के बाद दूसरी जगह भेजा जाता है। अब जल्द ही कुछ निजी वाहनों को लगाया जा रहा है। सूचना मिलने के बाद संबंधित व्यक्ति को बताया जाता है कि कुछ देर में वाहन मिल जाएगा। इस मामले में लापरवाही चूक कहां हुई है। इसकी जानकारी ली जा रही है।

Previous articleकोरोना: अस्पतालों के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी तैनात
Next articleCMO Office का कर्मी कोरोना संक्रमित, 48 घंटे के लिए बंद

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here