लखनऊ। मोटापा घटाने के अलावा डायबिटीज , आर्थराइटिस से निजात पाने के लिए लोग किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के जनरल सर्जरी विभाग में बैरिएट्रिक सर्जरी कराने के लिए आ रहे है। कोरोना काल से बंद चल रही बैरिएट्रिक सर्जरी शुरू कर दी गयी है। इस सर्जरी से मोटापा, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, आर्थराइटिस के सा् खर्राटे से भी मरीज को निजात मिल जाने का दावा किया जाता है। जनरल सर्जरी विभाग में बैरिएट्रिक सर्जरी कराने में पचास से साठ हजार रुपये का खर्च आता है, जब कि निजी अस्पताल में सर्जरी में डेढ़ से दो लाख रुपये का खर्च आता है। विभाग के विशेषज्ञ डा. अवनीश बताते है कि उनके यहां लेप्रोस्कोपी तकनीक से सर्जरी सफलता पूर्वक हो रही है।
जनरल सर्जरी विभाग के वरिष्ठ लेप्रोस्कोपी सर्जरी विशेषज्ञ डा. अवनीश बताते है कि बैरिएट्रिक सर्जरी उनके पहले शुरू हुई थी। कोरोना काल में यह सर्जरी नहीं हो पा रही थी, लेकिन इस सर्जरी कराने के लिए लोग आने लगे है। उन्होंने बताया कि मोटापा से परेशान लोग इस सर्जरी को कराने के लिए आ रहे है।
इसके अलावा मोटापे के अलावा डायबिटीज की बीमारी से परेशान लोग भी इस सर्जरी को कराने आ रहे है। उन्होंने बताया कि मोटापे को कम करने के लिए स्लीव गैस्ट्रिक्टोमी सर्जरी की जाती है। इसमें आमाशय को छोटा कर दिया जाता है, जब कि मोटापे के साथ डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए गैस्ट्रिक बाईपास व मिनी गैस्ट्रिक बाई पास सर्जरी होती है। इस सर्जरी में आमाशय को छोटा करके छोटी आंत से जोड़ दिया जाता है। उनके यहां पर लेप्रोस्कोपी तकनीक से बैरिएट्रिक सर्जरी पचास से साठ हजार में हो रही है।