लखनऊ। पंजाब नेशनल बैंक प्रोग्रेसिव एंप्लाइज एसोसिएशन का प्रथम त्रिवार्षिक प्रांतीय अधिवेशन आज लखनऊ में संपन्न हुआ। विधान सभा मार्ग स्थित होटल मैरियाड मैं आयोजित अधिवेशन में फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री पी आर मेहता ने कहा की सरकारी नीतियां कथित सुधारों की आड़ में सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकिंग व्यवस्था को कमजोर कर निजी क्षेत्र को प्रमुखता दे रही हैं एक के बाद एक बैंकों की बैलेंस शीट नुकसान प्रदर्शित कर रही है। बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है। उनकी समस्याओं को टालते हुए उनकी मांगों को जबरन दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर वैधानिक और कार्यकारी तरीकों से हमले हो रहे हैं सरकार का एकमात्र उद्देश्य निजीकरण करना है। उन्होंने कहा कुछ बैंकों में अनुबंध कर्मचारियों की छटनी भी शुरू हो गई है।
अधिवेशन के संयोजक और प्रदेश पदाधिकारी केके मिश्रा ने कहा वर्तमान में बैंकों की खस्ता हालत को सुधारने के नाम पर 10 बैंकों को पीसीए की हद में लाकर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में सरकारी प्रयास बैंकिंग उद्योग की शक्ल बदलने की मंशा से किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा सरकार सभी पक्षों बैंकर्स आरबीआई कर्मचारी निगरानी तंत्र आदि से चर्चा कर उपयुक्त समाधान निकालने का प्रयास करें। इससे पहले अधिवेशन का उद्घाटन पीआर मेहता ने दीप प्रज्वलित करके किया। केके मिश्रा ने कहा बैंक कर्मचारियों की मांगों को दबाने के लिए अधिकारी उनकी मीटिंग तक को होने से रोकने लगे हैं। यही नहीं सरकार बैंकों को मर्जर करना चाहती है।
यह अधिवेशन भारतीय बैंकिंग उद्योग द्वारा यहां लिए गए निर्णय एवं तय की गई रणनीति सिर्फ पंजाब नेशनल बैंक ही नहीं संपूर्ण बैंकिंग उद्योग में कार्यरत लाखों कर्मचारी अधिकारियों को एक नई दिशा देगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष एमपी सिंह ने कहा वर्तमान में सभी बैंक कर्मचारियों को एकजुट होकर गलत नीतियों के खिलाफ संघर्ष करना है ताकि हम अपने अस्तित्व को बरकरार रख सके। अधिवेशन में बीके मिश्रा, चेयरमैन अतुल कुमार सिंह, रमन्ना मूर्ति सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।
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