बच्चे को बहलाने के लिए नही दे मोबाइल

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लखनऊ। वर्तमान में ज्यादातर लोग अपने व्यस्त समय में बच्चे को बहलाने के लिए मोबाइल दे देते है। यह बिल्कुल गलत है आैर लेकिन यह बढ़ता जा रहा है, इससे वह मोबाइल का आदी होने लगता है। मोबाइल के आदी होने के साथ ही उम्र बढ़ने पर मोबाइल पर सर्चिंग की आदत भी बढ़ती जाती है। धीरे-धीरे बच्चा मोबाइल एडिक्शन की ओर बढ़ने लगता है। यह बाद विभाग प्रमुख डा. पीके दलाल ने दी। उन्होंने कहा कि यदि कोई बच्चा जिद्दी हो जाए और देर रात तक जागे आैर सुबह उठने में दिक्कत पैदा करे। यही नहीं मोबाइल को छिपाने लगे तो यह वह टेक्नोलॉजी एडिक्शन का लक्षण है। इसी तरह परीक्षा में अंक कम होने लगे तब भी अभिभावकों को ध्यान देने की जरूरत होती है।

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डा. आदर्श त्रिपाठी ने कहा कि आमतौर पर अभिभावक बच्चों को इलेक्ट्रानिक गैजेट देने के बाद न तो निगरानी करते हैंऔर न ही काउंसलिंग करते है। इससे समस्या बढ़ने लगती है। बच्चे पढ़ार्ई के लिए इंटरेनेट का प्रयोग करें, तो उन्हें प्रोत्साहित करे, लेकिन इस बात की निगरानी भी रखे कि वह क्या सर्च कर रहा है। इसके लिए समय-समय पर इंटरनेट को चेक करते रहना चाहिए।

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