बेबी फ्रेंडली एप से ले स्तनपान की जानकारी

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लखनऊ। प्रदेश में अब मोबाइल पर बेबी फ्रेंडली एप से शिशु को माँ द्वारा स्तनपान प्रारम्भ कराने की जानकारी ली जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मातृ, शिशु एवं बाल स्वास्थ्य को लेकर चलाये जा रहे कार्यक्रमों की प्रदेश स्तर पर निगरानी के लिए ”बेबी फ्रेंडली मोबाइल एप”” लॉच किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक पंकज कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को पा प्रेषित कर निर्देशित किया है कि क्वालिटी एश्योरेंस मैनेजर (क्यूएएम) नर्स मेंटर द्वारा प्रसव केन्द्र जाकर प्रतिदिन एक नवजात शिशु को माँ से स्तनपान कराने का डाटा फीड किया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिया है कि डाटा प्रामाणिक होना चाहिए। इसका मिलान प्रसव केन्द्र के प्रभारी द्वारा प्रेषित रिपोर्ट से करके प्रमाणिकता की पुष्टि भी की जायेगी।

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मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने सोमवार को यहां यह जानकारी दी । उन्होंने बताया कि क्वालिटी एश्योरेंस मैनेजर,नर्स मेंटर प्रसव केंद्र से किसी भी एक बच्चे के स्तनपान का डाटा एप में फीड करेंगे। बच्चे का यह डाटा मुख्य चिकित्साधीक्षक,केंद्र प्रभारी की तरफ से शासन को भेजी गयी मासिक रिपोर्ट में मिलान किया जाएगा। इससे डाटा की प्रामाणिकता की पुष्टि की जा सकेगी।

उन्होंने बताया कि मोबाइल एप में मण्डल, जिला क्वालिटी एश्योरेंस मैनेजर व नर्स मेंटर का नाम, भ्रमण की तारीख, एवं समय, प्रसव का समय, प्रसव का प्रकार, शिशु का वजन ( ग्राम), कंगारू मदर केयर (केएमसी), विटामिन के 1, नाल काटने का समय, यदि कोई बर्थ कंपेनियन उपस्थित था, माँ द्वारा स्तनपान कराने की शुरुआत का समय एवं स्थान, स्टाफ नर्स द्वारा इसकी शुरुआत में सहायता प्रदान की गयी या नहीं सहित 18 बिदुओं पर जानकारी फीड की जाएगी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि माह के अंत में एक चेकलिस्ट के आधार पर इस बेबी फ्रेंडली तथ्य का आंकलन किया जाएगा कि किस इकाई का बेबी फ्रेंडली स्कोर कितना है। आंकलन का कार्य क्वालिटी एश्योरेंस के माध्यम से किया जायेगा। किन्हीं भी चिकित्सा इकाइयों को बेबी फ्रेंडली घोषित करने के पहले कम से कम 3 माह तक उसे 80 फीसदी अंक प्राप्त करना होगा।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) 2015-16 के अनुसार प्रदेश में संस्थागत प्रसव की दर 68 फीसदी है। शिशु के स्वास्थ्य के दृष्टिगत एक घंटे के अंदर शिशु को स्तनपान कराना चाहिए। सूबे में एक घंटे के अंदर शिशु को स्तनपान कराने की दर 25 फीसदी है। उन्होंने बताया कि एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है, इसके तहत सभी जिलों में प्रसूताओं व उनके परिवार के सदस्यों को बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जन्म के तुरंत बाद से ही स्तनपान कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। माँ के दूध से मिलने वाले फायदे बताने के लिए गोष्ठी, प्रतियोगिता इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मंडलीय एवं जिला स्तरीय टीमों द्वारा सभी चिकित्सा इकाइयों को ”बेबी फ्रेंडली”” बनाने का कार्य किया जा रहा है। सरकार ने इसकी निगरानी के लिए मोबाइल एप भी शुरू किया है।

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