लखनऊ। लगातार दो किडनी प्रत्यारोपण की सफलता के बाद गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया संस्थान में अब लिवर प्रत्यारोपण की कवायद शुरू कर दी गयी है। हालांकि अभी यह दूरी की कौड़ी कही जा सकती है लेकिन यह कवायद अगर जल्द पूरी हो जाती है तो केजीएमयू से लिवर को दिल्ली नहीं भेजना पड़ेगा। पीजीआई में भी लिवर प्रत्यारोपण विभाग क्रियाशील नहीं है। इसके लिए गैस्ट्रोसर्जरी की फैकल्टी को पूरा करने व अन्य संसाधनों को एकत्र करके की कोशिश शुरू कर दी गयी है। उधर बृहस्पतिवार को दूसरा किडनी प्रत्यारोपण के बाद मरीज की हालत सामान्य बनी हुई है।
अगला पड़ाव लिवर प्रत्यारोपण होगा –
लोहिया संस्थान में बुधवार को दूसरा किडनी प्रत्यारोपण सफलता पूर्वक करने के बाद मरीज की हालत भी बृहस्पतिवार को सामान्य बनी हुई है। इस सफलता के बाद अब लोहिया संस्थान के डाक्टरों ने अगले प्रत्यारोपण में पीजीअाई के डाक्टरों का सहयोग न लेकर खुद प्रत्यारोपण कर एक मुकाम बनाया जाए। यह भी हो सकता है कि पीजीआई के डाक्टरों की मौजूद रहे , लेकिन प्रत्यारोपण में संस्थान के विशेषज्ञ ही करे। संस्थान के यूरोलॉजी के डा. ईश्वर दयाल व डा.आलोक विशेषज्ञ टीम के अलावा अन्य विशेषज्ञों की टीम मजबूत है। अब कवायद यह की जा रही है कि अगला पड़ाव लिवर प्रत्यारोपण होगा। किडनी प्रत्यारोपण तो शुरू कर ही दिया गया है। इसके लिए गैस्ट्रोसर्जरी की फैकल्टी को पूरा करने के लिए एमसीआई के प्रस्ताव भेजे गये है।
इसके साथ लिवर प्रत्यारोपण में प्रयोग किये जाने वाले संसाधनों को चयन शुरू कर दिया गया है। संस्थान के विशेषज्ञों का मानना है कि किडनी प्रत्यारोपण की तैयारी ने धीरे -धीरे मुकाम पाया था। संस्थान के निदेशक डा. दीपक मालवीय ने बताया कि किडनी प्रत्यारोपण में कामयाबी मिली है। अब लिवर प्रत्यारोपण किये जाने की तैयारी होगी, लेकिन अभी इसमें वक्त है।












