लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय विचाराधीन बंदियों की आरामगाह बनता जा रहा है। यहां पर मेडिसिन विभाग में मनी लॉड्रिग के आरोपी को भर्ती कर के इलाज किया जा रहा है। इस बंदी को जेल के डाक्टरों ने कार्डियक की दिक्कत बता कर लॉरी कार्डियोलॉजी को रेफर किया था। बिना जांच कमेटी के मेडिसिन विभाग में डाक्टर अभी ठोस बीमारी का पता ही नहीं कर पाये है। केजीएमयू सीएमएस डा. एसएन शंखवार का कहना है कि इस प्रकरण को उन्होंने गंभीरता से लेते हुए जल्द जांच कराने के बाद डिस्चार्ज करने के लिए मेडिसिन विभाग के प्रमुख व डाक्टर को निर्देश दिया है।
केजीएमयू में विभिन्न विभागों में अलग चर्चित विचाराधीन बंदी का इलाज चल रहा है, अब एक आैर मनी लांड्रिग के विचाराधीन बंदी का भी तीन दिन से मेडिसिन विभाग के प्राइवेट वार्ड में भर्ती है।
यहां पर मेडिसिन विभाग के डा. कमलेश गुप्ता उसके इलाज कर रहे है। जब कि विचाराधीन कैदी हरीश गुल्लर को कार्डियक की शिकायत होने पर लॉरी कार्डियोलॉजी भेजा गया था। जहां पर डाक्टरों ने जांच के बाद कई दिक्कत बताने पर मेडिसिन विभाग रेफर कर दिया था। अब मेडिसिन विभाग के गांधी वार्ड के प्राइवेट कमरे में भर्ती किया गया है। इलाज कर रहे डा. कमलेश का कहना है कि पैर में सूजन, हाइपर टेंशन व अन्य कई दिक्कतें है। उनकी जांच करायी जा रही है। जब कि इस तरह के मामलों में तुरंत विशेषज्ञ डाक्टरों की जांच कमेटी बना दिया जाता है।
बताया जाता है कि विचाराधीन बंदी के पास बतायी गयी बीमारियों का कोई पुराना रिकार्ड भी नही है। तीन दिन से विचाराधीन कैदी की जांच होने के मामले को केजीएमयू के सीएमएस डा. शंखवार ने गंभीरता से लिया है। डा. शंखवार ने बताया कि जानकारी मिलने पर मेडिसिन विभाग के प्रमुख पूरी जानकारी मांगी गयी है कि जांच कौन- कौन सी हो रही है आैर कितने में पूरी होगी। जांच कराने के बाद जल्द से जल्द उसे डिस्चार्ज किया जाए।
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