केजीएमयू में उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन व लखनऊ आर्थोपेडिक क्लब के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय कैडवरिक पाल्वी एक्टेब्युलर फैक्चर फिक्सेशन वर्कशॉप के दूसरे दिन आर्थोपेडिक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जी के सिंह ने कहा कि भारत में प्रति एक मिनट में लगभग चार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें से एक आदमी काल के गाल में समा जाता है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के दौरान अधिक खून बह जाने से लोगों की मौत हो जाती है। यदि समय रहते खून के बहाव को रोका दिया जाये,तो कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है।
इस दौरान एम्स दिल्ली के डा. विवेक त्रिखा ने नवीनतम तकनीक के द्वारा छोटे चीरे से की गयी सर्जरी के बारे में जानकारी दी गयी । इस अवसर पर डा.उत्तम गर्ग ने कहा कि इलाज के दौरान मरीजों को कोई समस्या न हो इसलिए सर्जन के लिए कैडवेर्स पर सिखाना काफी अच्छा होता है। उन्होंने बताया कि एसिटाबुलम फैक् चर की सर्जरी में काफी सवाधानियों की जरूरत होती है। इसलिए इसकी ट्रेनिंग में सवाधानी बरतनी पड़ती है। बार-बार सीखने के लिए कैडवर्स एक अच्छा माध्यम है। उन्होंने बताया कि इस तरह की कार्यशाला में सर्जरी में गुणवत्ता लाने के अच्छे मौके होते है।
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