लखनऊ। कोरोना संक्रमितों की मौतों के बाद उनके अन्तिम संस्कार पर सवाल खड़ा करते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को पत्र भेजकर मांग की गयी है कि जिस तरह संक्रमित मरीजों के चार से पांच दिन में ठीक होने के मामले सामने आ रहे है, उसे देखते हुये कोरोना संक्रमित से मरने वालों के अन्तिम संस्कार से पहले उनका कोरोना टेस्ट कराया जाये और उनकी रिपोर्ट निगेटिव होने पर विधि विधान से अन्तिम संस्कार के लिये पार्थिव शरीर को परिवार वालों को सौंपा जाये।
जनविकास महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पंकज कुमार तिवारी ने भेजे गये पत्र में कहा है कि देखा गया है कि संक्रमितों के चार से पांच दिनों में ठीक हो रहे है, ऐसे में दूसरी जांच के बिना भर्ती संक्रमितों की मौत के बाद उनका अन्तिम संस्कार गाइडलाईन के नियमों के अनुसार कर दिया जाता है। जबकि मौत के समय यह सुनिश्चित नहीं होता कि मरीज कोरोना से संक्रमित है या ठीक हो गया है। ऐसे कई केस संज्ञान में आए हैं कि कोरोना संक्रमण होने के पश्चात मरीज को कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और कुछ दिन पश्चात उनकी मृत्यु किसी अन्य कारण से होने पर उनका क्रिया कर्म कोरोना संक्रमण से हुई मृत्यु के दिशा निर्देशों के अनुसार करा दिया जाता है, और उस दौरान उसके परिवार के सदस्यों को भी शामिल नहीं होने दिया जाता है।
श्री तिवारी ने कहा कि होम आईशोलेट होने वाले कोरोना संक्रमितों द्वारा अपने स्तर से तीन से चार दिन में दोबारा जांच करवाने के बाद निगेटिव होने के मामले काफी संख्या में सामने आ रहे है, जिसको देखते हुये हास्पिटल में भर्ती कोरोना संक्रमितों की मौत होने के बाद उनकी कोरोना जांच के बाद ही अन्तिम क्रियाकर्म कराया जाये।
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