अगर आपकी अधेड उम्र हो चुकी है और आप कसरत करके एक बार फिर फिट रहने की सोच रहे तो बिना परामर्श के कसरत से घुटनों को खतरा हो सकता है। इसमें आस्टयोआर्थराइटिस होने की ज्यादा आशंका बनी रहती है। इस पर की बढती बीमारी कुछ विशेषज्ञों ने ध्यान दिया तो पता चला कि इस बीमारी से पीडित लोगों में ज्यादातर लोगो ने अधेड उम्र में कसरत शुरु कर दी थी।
इस बारे में सैनफ्रासिस्कों स्थित यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया से जुडे व शोध के प्रमुख क्रिस्टाफ स्टेटलिंग का कहना है कि शोध से जो आकडे प्राप्त होता है वह काफी रोचक थे। जो लोग इस उम्र में शारीरिक गतिविधियों ज्यादा करते है। उनके घुटने में असामान्यताएं पनपने का ज्यादा हो सकता है। आस्टियोआर्थराइटिस होने का खतरा ज्यादा रहता है। यह बीमारी जोडो की डिजनेरेटिव डिजीज है।
लापरवाही बरतने व लगातार कसरत करते रहने से घुटने में दिक्कत शुरु है जाती है –
जिससे प्रभावित व्यक्ति के जोडों में दर्द,सूजन और जकडन बनी रहती है। लापरवाही बरतने व लगातार कसरत करते रहने से घुटने में दिक्कत शुरु है जाती है। इससे चलना फिरना दूभर हो जाता है और समस्या ज्यादा हो जाती है। अगर सामान्य तौर पर देखा जाए तो इंडिया में इस तरह से लोग काफी चपेट में आ रहे है। यहां भी 40 उम्र के बाद कसरत करने एक बार फिर कसरत करके फिट होने के साथ मशल्स भी बनाने लगते है और किसी गाइड लाइन के बेंच प्रेस व प्लेट उठाने लगते है। ऐसे में घुटने के अलावा स्पाइन में दिक्कत हो जाती है इससे कसरत तो छूटती ही है साथ ही बीमारी और जकड लेती है जिसका इलाज लम्बा चलता है।