लखनऊ। कोरोना संक्रमण को देखते हुए राजधानी में अब प्रतिदिन लगभग 5000 लोगों का सैंपल लेकर जांच करने का लक्ष्य रखा गया है। रिपोर्ट में तेजी लाने के लिए यह जांच एंटीजन, ट्रूनेट और पीसीआर से की जाएगी।
बताते चलें राजधानी में अब तक करीब 95 हजार से अधिक लोगों की जांच हो चुकी है। इस जांच में 6000 मरीज संक्रमित पाए जा चुके हैं। राजधानी में बिना लक्षणों वाले मरीजों को तथा चोरी छुपे इलाज करा रहे मरीजों की पहचान करने का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अब जांच के लिए प्रतिदिन 5000 सैंपल लेने की रणनीति बना चुका है। ताकि समय पर इसको पूरा किया जा सके। इसमें सर्वे में लगी टीम करीब 3000 लोगों की जांच करेंगी जबकि 2000 जांच विभिन्न अस्पतालों और सामुदायिक स्थलों पर किए जाएंगे।
इससे राजधानी के लोगों में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि ज्यादा सैंपल लेने से मरीजों की संख्या भले ही बढ़ना शुरू हो जाए, लेकिन सामुदायिक संक्रमण की स्थिति से रोकने में मदद मिलेगी। इसके जरिए यह भी पता लगाया जाएगा कि राजधानी में संक्रमण का स्तर क्या है क्योंकि अभी तक जो मरीज पाए जा रहे हैं उसमें ज्यादातर बिना लक्षण वाले अथवा हल्के लक्षण वाले मरीज हैं। लेकिन इन मरीजों के जरिए परिवार में मौजूद हाई रिस्क श्रेणी के लोगों को बचाया जा सकेगा।
सामुदायिक संक्रमण पहचान के लिए राजधानी में दो बार रैपिड सर्वे किया जा चुका है, लेकिन अभी तक सिर्फ वृद्धा आश्रम की एक महिला पॉजिटिव पाई गई है। अन्य लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। संक्रमण को रोकने के लिए रिपीट सर्वे में पटरी दुकानदार, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, बाल आश्रम, वृद्ध आश्रम, चौराहों पर रहने वाले पुलिसकर्मी, विभिन्न कंपनियों के वेंडर आदि शामिल किए गए थे। इस बारे में डॉक्टर के पी त्रिपाठी का कहना है कि प्रतिदिन 5000 से अधिक लोगों की जांच की रणनीति बनाई गई। पिछले 3 दिन से इसी के आसपास सैंपल लिए गए हैं।